YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

इकॉनमी

 रात्रि कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन से  अब तक लगभग 46 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान 

 रात्रि कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन से  अब तक लगभग 46 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान 

नई दिल्ली । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में पिछले दस दिनों में रात्रि कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन के कारण अब तक लगभग 46 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है जिसमें से खुदरा व्यापार में लगभग रु 32 हजार करोड़ और थोक कारोबार को लगभग 14 हजार करोड़ के व्यापार का नुकसान होने का अनुमान है। कैट ने  बताया कि कोरोना के खौफ से लगभग 60% उपभोक्ताओं ने बाज़ारों में आना बंद कर दिया है। 
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन  खंडेलवाल ने आज कहा कि उपरोक्त आंकड़ा देश के नौ राज्यों से संबंधित है और इन नौ राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं से प्राप्त जानकारी के आधार पर निकाला गया है। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि इन राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में खुदरा व्यापार में लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है और थोक व्यापार में यह आंकड़ा लगभग छह हज़ार करोड़ रुपये का है। छत्तीसगढ़ में खुदरा व्यापार में लगभग 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और थोक व्यापार में लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गुजरात में खुदरा व्यापार को लगभग 4800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और थोक व्यापार को लगभग 2200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में खुदरा व्यापार को लगभग 3000  करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और थोक व्यापार को लगभग 1400   करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कर्नाटक में खुदरा व्यापार का घाटा लगभग 4300 करोड़ है जबकि थोक व्यापार का घाटा लगभग  1950 करोड़ रुपये है। पंजाब में खुदरा व्यापार को लगभग 900 करोड़ जबकि थोक व्यापार में नुकसान 350 करोड़ रुपये का है। राजस्थान में खुदरा व्यापार में नुकसान लगभग 1900 करोड़ रुपये है और थोक व्यापार में यह नुकसान 850 करोड़ है। मध्यप्रदेश में खुदरा व्यापार में नुकसान लगभग 1700 करोड़ रुपये है जबकि थोक व्यापार में नुकसान लगभग 750  करोड़ है। उत्तर प्रदेश में खुदरा व्यापार का नुकसान लगभग 3800 करोड़ है जबकि थोक व्यापार घाटा 1500 करोड़ रुपये के लगभग है।
उन्होंने कहा कि कोविड मामलों में तेजी से वृद्धि और विभिन्न राज्यों में रात के कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन को लागू करने के कारण सामान्य उपभोक्ता के मन में भय पनप गया है जिसके कारण वे बाज़ारों में जाने से बच रहे हैं और इसीलिए रिटेल बाजार में नुकसान हो रहा है जबकि थोक  व्यापार में नुकसान का मूल कारण माल की लोडिंग एवं अनलोडिंग का न होना है।
 

Related Posts