नई दिल्ली । देश की राजधानी के वेस्ट दिल्ली जिला की राजौरी गार्डन थाना पुलिस की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने तीन ऐसी आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जो पैसे वाले बुजुर्ग व्यक्ति को अपने जाल में फंसाकर उसके ऊपर जबरन सेक्स करने का फर्जी आरोप लगाती थीं। ये आरोप ऐसा होता था कि बुजुर्ग और पैसे वाले अपनी इज्जत बचाने के लिए किसी को कुछ भी बताते भी नहीं थे और चुपचाप पैसे दे देते थे। मगर, इलाके के एसीपी और राजौरी गार्डन थाना के एसएचओ अनिल शर्मा के नेतृत्व में टीम ने इस मामले में एक शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर पिछले कई दिनों से तफ्तीश करते हुए तीन महिला आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिलाओं की पहचान पूनम उम्र 31 साल (दिल्ली में टैगोर गार्डन की रहने वाली), सोनिया उम्र 28 साल (दिल्ली में टैगोर गार्डन की रहने वाली) और किरण उम्र 30 साल (यूपी के मेरठ की रहने वाली) के रुप में हुई।
वेस्ट दिल्ली की डीसीपी ने बताया कि आरोपी पूनम और सोनिया दोनों सगी बहन हैं। हालांकि ये दोनों गुजरात मूल की रहने वाली हैं। इन दोनों की पहले शादी हो चुकी है, लेकिन दोनों अपने पहले पति को तलाक लेकर अलग रह रही थीं। उसके बाद इन दोनों बहनों ने सेक्स के धंधे में कूदकर जल्द से जल्द पैसे कमाने के लिए एक गैंग बनाई,जिसमें कई लोगों को जोड़ने लगीं। इसी दौरान उसने एक नया तरीका अपनाया और उन लोगों को अपना शिकार बनाने लगी जो अक्सर अपने घर में या तो अकेले रहते हैं या जो काफी पैसे वाले बुजुर्ग हों। पहले लोगों के साथ घुल मिलकर बातचीत करना और उसके बाद एक साजिश के तहत सेक्स करने का आरोप लगा देती थीं। सेक्स के फर्जी आरोप लगाने वाले इस धंधे में प्रमुख आरोपी पूनम और उसकी बहन सोनिया है, लेकिन इस गैंग में किरण का प्रयोग पीड़िता के तौर दिखाने के लिए किया जाता था। यानी किरण को ये दोनों आरोपी बहन किसी पैसे वाले बुजुर्ग के सामने भेजती थीं और उससे बातचीत करवाती थीं। उसके बाद ये उस वसूली के दौरान शिकायतपक्ष को बहुत ही ज्यादा डराने का काम किया जाता था और उन्हें ये बताया जाता था कि महिला के खिलाफ गुनाह को अंजाम देने वालों पर देश में बहुत ही शख़्त कानून के तहत कार्रवाई होती है और उसे जमानत तक नहीं मिलती। इस कारण लोग परेशान होकर पैसे देने के लिए मजबूर हो जाते थे। बता दें कि दिल्ली के मोतीबाग थाना में 7 अप्रैल को 25 साल की एक महिला शिकायत दर्ज करवाई कि दिनेश चंद महाजन नाम का एक शख्स उसके साथ जबरन शारिरिक संबंध बना चुका है, लिहाज़ा उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। शिकायत दर्ज होने के बाद वेस्ट जिला पुलिस की टीम तत्काल प्रभाव से इस मामले की तफ़्तीश में जुट गई, लेकिन डीसीपी वेस्ट उर्विजा गोयल और राजौरी गार्डन थाना के एसएचओ ने इस मसले पर आपस में बातचीत करने के बाद अपनी जांच करने वाली टीम को ये निर्देश दिया गया कि सिर्फ शिकायतपक्ष को मत देखो, दोनों पक्ष को गंभीरता से सुनो और पूरी जानकारी खंगालने के बाद ही कार्रवाई करो। इसी दौरान बुजुर्ग दिनेश चंद महाजन से और शिकायतकर्ता महिला से कई राउंड की पूछताछ हुई। इसके साथ ही दिल्ली महिला आयोग की महिला अधिकारियों के बुलाकर उसके सामने ही शिकायतकर्ता महिला का बयान भी दर्ज करवाया गया। दर्ज बयान के दौरान ही पुलिस की टीम को कई ऐसे इनपुट्स मिले जिसको देखकर साफ पता चल रहा था की ये फर्जी मामला हो सकता है, लिहाजा शिकायत करने वाली महिला की मेडिकल जांच भी करवाई गई, जिसके बाद पुलिस की टीम इस बात को समझ चुकी थी कि इस मामले में थोड़ा ही नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है, लेकिन इस बात का एहसास उन महिला गैंग को नहीं होने दिया। दरअसल, इस पूरी तफ्तीश करने के बाद पुलिस की टीम को ये जानकारी मिली कि 10 लाख रुपये से ज्यादा सेक्स के आरोप के नाम पर वसूली की जा चुकी है। लेकिन जब तक इस मामले पर आगे पुलिस वालों द्वारा कार्रवाई की जाती ये जानकारी मिली कि वो तीनों महिला गैंग अचानक दिल्ली से फरार हो गई हैं। शुरुआती तफ़्तीश के दौरान ये जानकारी मिली कि वो लोग राजस्थान के जयपुर और एक महिला आरोपी गुजरात की तरफ गई है।
उन फरार तीनों महिला गैंग को ढूंढने के वक्त दिल्ली पुलिस की राजौरी गार्डन थाना पुलिस टीम ने रघुवीर नगर इलाके से लेकर, आईएसबीटी बस स्टैंड के आसपास करीब 150 सीसीटीवी के फुटेज को खंगाला और कई घरों में जाकर पूछताछ की गई। यही नहीं, जयपुर में 100 से ज्यादा ऑटो-बस ड्राइवर से जानकारी ली गई। उसके बाद गूगल मैपिंग सहित टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए मोतीनगर थाना की पुलिस जयपुर पहुंची और वहीं से इन तीनों आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया।
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तीन महिलाओं ने पैसों के लिए 61 साल के बुजुर्ग पर लगाया सेक्स का आरोप, गिरफ्तार