शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि ध्रूमपान से वयस्कों में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के कारण मृत्यु का जोखिम बढ़ सकता है। अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अपने बचपन से एक नियमित धूम्रपान करने वाले शख्स के साथ रह रहे, उनमें 31 फीसदी को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से मरने का खतरा अधिक होता है। जबकि धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के धुएं के संपर्क में आने वाले नौ फीसदी वयस्कों को मरने का खतरा होता है। अमेरिका की अमेरिकन कैंसर सोसायटी के एपीडेमायोलॉजिस्ट डब्लू रयान डायवर ने कहा, "यह पहला अध्ययन है जिसमें मध्य आयु व उससे कम उम्र में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पुलमोनेरी डिसिज से धूम्रपान नहीं करने वाले व्यक्ति और बचपन के बीच संबंध के बारे में बताया गया है।" उन्होंने कहा, "निष्कर्षो से यह भी पता चला है कि दूसरे व्यक्ति द्वारा धूम्रपान के संपर्क में आने वाले वयस्कों में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से मरने का खतरा अधिक होता है। "अध्ययन के लिए टीम में 50 से 74 वर्ष की उम्र के धूम्रपान नहीं करने वाले 70,900 पुरुष और महिलाएं शामिल थीं। अध्ययन के लिए उन पर 22 वर्षो तक नजर रखी गई। इसमें गंभीर हृदय रोग से 27 प्रतिशत अधिक मौत का जोखिम, 23 प्रतिशत को दौरा पड़ने से मौत का खतरा, और सीओपीडी से सबसे अधिक 42 प्रतिशत मौत का खतरा रहता है।
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ध्रूमपान से बढ जाता है मौत का जोखिम -धुएं के संपर्क में आने वाले वयस्कों को भी खतरा