नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोना महामारी एक बार फिर बेकाबू होने से लॉकडाउन की आशंका भी बढ़ने लगी है। साथ ही दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि के बीच वेंटिलेटर सहित कोविड-19 आईसीयू बेड्स की सुविधा वाले 94 में से 69 अस्पतालों में इस प्रकार के सारे बेड्स भर गए हैं और केवल 79 बेड्स ही खाली हैं। एक आधिकारिक ऐप में दिए गए आंकड़ों में बुधवार को यह जानकारी सामने आई।
दिल्ली कोरोना ऐप के अनुसार, दोपहर दो बजे तक 110 अस्पतालों में से 75 में बिना वेंटिलेटर वाले सभी कोविड-19 आईसीयू बेड्स भरे थे। वेंटिलेटर वाले 1,177 कोविड-19 आईसीयू बेड्स में से केवल 79 खाली थे, जबकि बिना वेंटिलेटर के 2,130 कोविड आईसीयू बेड्स में से 348 खाली थे। इसके अलावा कुल 13,680 बेड्स में से 9,041 भरे थे। महामारी की चौथी लहर का सामना कर रही राजधानी में मंगलवार को संक्रमण के 13,468 नए मामले सामने आए और 81 मरीजों की मौत हो गई।
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, बीएसए अस्पताल और मैक्स पटपड़गंज समेत 69 अस्पताल ऐसे हैं जहां वेंटिलेटर वाले कोविड आईसीयू बेड्स खाली नहीं हैं। अपोलो अस्पताल और शालीमार बाग का फोर्टिस अस्पताल में बेड्स पूरी तरह भरे हैं। कोविड-19 के 13,468 नए मामले सामने आए थे जो अभी तक एक दिन में सामने आने वाले सबसे अधिक मामले हैं। वहीं 81 और मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया कि शहर में कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 7,50,156 हो गए हैं, जबकि मृतक संख्या बढ़कर 11,436 हो गई है। मंगलवार को 81 और मरीजों की मौत 3 दिसंबर के बाद होने वाली सबसे अधिक मौतें हैं जब 82 मरीजों की मौतें हुई थीं। दिल्ली में 19 नवंबर को कोविड-19 से 131 मौतें हुई थीं जो एक दिन में होने वाली सबसे अधिक मौतें हैं। मंगलवार को संक्रमित होने की दर बढ़कर 13.14 प्रतिशत हो गई जो एक दिन पहले 12.44 प्रतिशत थी। कोविड-19 के ये मामले एक दिन पहले की गई 1.02 लाख से अधिक जांच किए जाने से सामने आए। पिछले 10 दिनों में दिल्ली में कोविड-19 के लगभग 78,000 मामले सामने आए हैं।
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दिल्ली में फिर लगने वाला है लॉकडाउन