YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

कोरोना पीड़ित बेटी ने लगाई यह गुहार, पापा प्लीज, मुझे आकर यहां से ले जाओ

कोरोना पीड़ित बेटी ने लगाई यह गुहार, पापा प्लीज, मुझे आकर यहां से ले जाओ

नई दिल्ली । पापा प्लीज, मुझे आकर यहां से ले जाओ। कोरोना से बाद में, लेकिन यहां की अव्यवस्था से पहले ही मर जाऊंगी। दो घंटे हो गए कोई देखने तक नहीं आया है। वॉशरूम में पानी तक नहीं है पापा। प्लीज, मुझे यहां से ले जाओ यह गुहार 20 वर्षीया छात्रा ने अपने पापा से एक निजी अस्पताल में भर्ती होने के चार घंटे में लगा रही थी। जिस अस्पताल ने दोपहर के दो बजे उनकी बेटी को पहले 50 हजार रुपये जमा करा इमरजेंसी में भर्ती कराया, वहां का हाल यह कि  दो घंटे तक उसको देखने कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मी तक नहीं आया। इस भयावह समय में भी अस्पताल अपना खेल खेलने से बाज नहीं आ रहे हैं। लोग व्यवस्था की संवेदनहीनता से भी हर दिन जूझ रहे हैं। बदहाल व्यवस्था और बेबसी के बीच ऐसा ही एक परिवार रविवार को जूझता रहा। मिठनपुरा इलाके के इस परिवार ने बताया कि चार दिन पहले बेटी का टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आयी। रविवार को ऑक्सीजन लेबल घटने लगा तो हम घबरा गए। पहले बैरिया स्थित एक अस्पताल ले गए। वहां कहा गया कि कोरोना का इलाज यहां नहीं होता। इसके बाद मेडकिल कॉलेज से आगे एक प्राइवेट अस्पताल में गए। वहां कहां गया कि पहले 50 हजार रुपये जमा करें तभी भर्ती करेंगे। पैसे हमने जमा कर दिया तो कहा कि आपलोग जाइए। दो घंटे बाद बेटी ने फोन किया कि अब तक मुझे बैठाकर रखा है। कोई देखने तक नहीं आया। इसके बाद हम पहुंचे हंगामा किया तो फिर डॉक्टर को बुलाया गया। छात्रा ने बताया कि जहां मुझे भर्ती किया गया, वहां सात आठ पुरुष और दो महिलाएं थीं। सबके लिए एक ही वाशरूम। साबुन तक नहीं। अगर मैं वहां रहती तो दो दिन की बजाए एक दिन में ही मर जाती। उसके पिता ने कहा कि हम दोबारा गए और शाम छह बजे बेटी को घर ले आए हैं। एक तरफ इस वायरस की मार और उससे भी अधिक संवेदनहीनता और अव्यवस्था की मार। कहां जाएं हमलोगा। 
 

Related Posts