बीजिंग । दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत रविवार को 14 फीसदी की गिरावट के साथ 51541 डॉलर पर आ गई। इस गिरावट से बिटकॉइन की कीमतों में हाल में आई तेजी पर पानी फिर गया। यह बुधवार की कीमत से 13000 डॉलर कम है। बुधवार को बिटकॉइन की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। चीन के शिनजियांग इलाके में बिजली गुल होने से बिटकॉइन की कीमत में गिरावट आई। बिटकॉइन माइनिंग में चीन के इस इलाके की अहम भूमिका है। डिजिटल एसेट ट्रेजरी स्पेशलिस्ट के मुताबिक लोगों ने चीन में बिजली गुल होने की खबर पर बिकवाली की। इससे इस सिस्टम की बुनियादी कमजोरी उजागर हुई है। हालांकि बिटकॉइन नेटवर्क डिसेंट्रलाइज्ड है लेकिन इसकी माइनिंग के साथ ऐसा नहीं है। बिटकॉइन बनाने में जितनी बिजली खर्च होती है, उससे मुंबई जैसे बड़े महानगर की बिजली की जरूरत पूरी की जी सकती है। बिटकॉइन का सालाना कार्बन फुटप्रिंट मुंबई के बराबर है। दुनिया के संदर्भ में देखें तो यह स्लोवाकिया के बराबर है। डच इकनॉमिस्ट एलेक्स डी व्रीज की एक स्टडी के मुताबिक बिटकॉइन से हर साल 38.10 एमटी (मिलियन टन) कार्बन फुटप्रिंट पैदा होता है। एक स्टडी के मुताबिक मुंबई का कार्बन फुटप्रिंट करीब 32 एमटी और बेंगलोर का 21.50 एमटी है। हाल में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने हाल में एक इंटरव्यू में कहा था कि बिटकॉइन में प्रति ट्रांजैक्शन जितनी बिजली खर्च होती है, उतनी किसी और में नहीं होती है।
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बिटकॉइन की कीमत औंधे मुंह गिरी