नई दिल्ली । संतोष हॉस्पिटल के बाद मेरठ मेडिकल कॉलेज में भी ऑक्सीजन के कारण मरीजों की जान पर बन आई। हालांकि मोदीनगर से मेरठ तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 20 मिनट में व्यवस्था कराई गई, तब जाकर ऑक्सीजन के साथ टीम मेडिकल पहुंची। अधिकारियों के अनुसार मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में दो कंपनियों की ओर से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। मेडिकल इमरजेंसी में 75 से 80 मरीजों का इलाज हो रहा है। 68 मरीजों को ऑक्सीजन भी दी जा रही है। लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई मरीजों को होती है। बुधवार से मेडिकल इमरजेंसी में ऑक्सीजन की दिक्कत हो रही है। भी रात में ऑक्सीजन की सप्लाई थोड़ी देर के लिए बाधित हुई तो अफरातफरी मच गई।
गुरुवार को भी मेडिकल इमरजेंसी में ऐसी ही स्थिति हुई। शाम में अचानक ऑक्सीजन की सप्लाई डाउन हो गई। एक टैंकर सिलेंडर तो पहुंच गया, लेकिन उस टैंकर से संबंधित महत्वपूर्ण एक उपकरण नहीं था। इस कारण इमरजेंसी में टैंकर से सप्लाई लाइन नहीं जोड़ी जा सकी। यह सूचना जैसे ही मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार और एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी को मिली तो सभी थोड़ी देर के लिए सकते में आ गए। एडीएम सिटी ने एसपी सिटी, एसपी ट्रैफिक और अन्य अधिकारियों से वार्ता की।
तब तक आक्सीजन कंपनी की टीम मोदीनगर से निकल गई। परतापुर पुलिस, ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुधीर शर्मा और एसीएम संदीप श्रीवास्तव को परतापुर से मेडिकल के बीच ‘ग्रीन कॉरिडोर’ के तहत सारी व्यवस्था करने को कहा गया। ऑक्सीजन कंपनी की टीम को परतापुर से परतापुर पुलिस लेकर शाप्रिक्स मॉल तक पहुंची। वहां से ट्रैफिक इंस्पेक्टर, एसीएम और एक पुलिस गाड़ी सारा रास्ता साफ करते हुए मेडिकल पहुंचा। एडीएम सिटी और मेडिकल प्राचार्य आपातकालीन व्यवस्था की तैयारी में जुटे रहे। 20 मिनट में टीम मोदीनगर से मेडिकल पहुंच गई। टैंकर से ऑक्सीजन की सप्लाई को कनेक्ट किया जा सका। एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी ने बताया कि मेडिकल इमरजेंसी में ऑक्सीजन को लेकर थोड़ी दिक्कत हो गई, लेकिन पुलिस, प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस ने मोदीनगर से मेडिकल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर व्यवस्था कराई गई। मरीजों को दिक्कत नहीं होने दी गई। थोड़ी देर के लिए अफरातफरी रही है।
रीजनल नार्थ
ऑक्सीजन के लिए मोदीनगर से मेरठ तक बना ग्रीन कॉरिडोर