राहुल गांधी के राफेल के संबंध में मंगलवार को लगाए गए आरोपों पर रिलायंस डिफेंस ने अपनी सफाई दी है। रिलायंस डिफेंस ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर अपने नए आरोपों में जिस कथित ईमेल का हवाला देते हुए प्रस्तावित एमओयू’ का जिक्र किया है, वह एयरबस हेलिकॉप्टर के साथ उसके सहयोग के संदर्भ में था। उस प्रस्तावित एमओयू का राफेल कॉन्ट्रैक्ट से ‘कोई लेना-देना नहीं है है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने राफेल विमान सौदे में अनिल अंबानी का ‘‘बिचौलिया’’ बन कर ‘‘देशद्रोह’’ और शासकीय गोपनीयता कानून का उल्लंघन किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को एक ईमेल का हवाला देकर दावा किया कि कारोबारी अनिल अंबानी को भारत और फ्रांस के बीच सौदा होने से पहले से ही पता था। राहुल के आरोप के बाद रिलायंस डिफेंस के प्रवक्ता ने कहा, कांग्रेस पार्टी द्वारा जिस कथित ईमेल का संदर्भ दिया जा रहा है वह ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सिविल और डिफेंस हेलिकॉप्टर कार्यक्रम के बारे में एयरबस और रिलायंस डिफेंस के बीच हुई चर्चा से संबंधित है।
राहुल गांधी ने मीडिया में 28 मार्च 2015 की तारीख का एक ईमेल जारी किया है, जिस कथित तौर पर एयरबस के कार्यकारी निकोलस चामुसी द्वारा तीन लोगों को भेजा गया था और इस ईमेल की ‘सब्जेक्ट लाइन’ में लिखा था अंबानी। उन्होंने दावा किया कि ईमेल दिखाता है कि अंबानी ने तत्कालीन फ्रांसीसी रक्षा मंत्री जीन येव्स ली ड्रायन के दफ्तर का दौरा किया था और एक एमओयू तैयार किए जाने और प्रधानमंत्री के (फ्रांस) दौरे के दौरान उस पर हस्ताक्षर किए जाने की मंशा का उल्लेख किया था।
इस पर रिलायंस डिफेंस प्रवक्ता ने कहा, प्रस्तावित एमओयू पर चर्चा स्पष्ट रूप से एयरबस हेलिकॉप्टर और रिलायंस के बीच सहयोग पर हो रही थी। इसका 36 राफेल विमानों के लिए फ्रांस और भारत के बीच सरकार से सरकार के समझौते का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, यह भी दस्तावेजों में दर्ज है कि राफेल विमानों के लिए फ्रांस और भारत के बीच सहमति पत्र पर 25 जनवरी 2016 को दस्तखत हुआ था न कि अप्रैल 2015 में।
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रिलायंस डिफेंस ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज किया राहुल गांधी द्वारा दिखाया गया प्रस्तावित एमओयू’ राफेल से जुड़ा नहीं