पूर्व विश्व विजेता श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पहली बार विश्व कप में मजबूत टीमों में शामिल नहीं की जा रही और उसे किसी उलटफेर के लिये करिश्मे की जरूरत होगी। विश्व कप में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने वाली श्रीलंका ने एक बार खिताब जीता और दो बार उपविजेता रही जबकि एक बार सेमीफाइनल में पहुंची। इस बार वह सबसे कमजोर टीमों में शामिल है। कप्तानी के संकट के अलावा टीम में गुटबाजी, खराब प्रदर्शन और प्रशासनिक अनियमितता से भी टीम की संभावनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। चयनकर्ताओं ने विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश चांदीमल और निरोशन डिकवेला जैसे बड़े खिलाड़ियों को बाहर कर दिया लिहाजा आखिरी बार 2015 में विश्व कप खेलने वाले दिमुथ करूणारत्ने के हाथ में टीम की कमान होगी। इस साल की शुरूआत तक अलग अलग प्रारूपों में चांदीमल और डिकवेला टीम के कप्तान थे पर इसके बाद लसिथ मलिंगा को कमान सौंपी गई और तब से श्रीलंका लगातार 12 मैच हार गया है। श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा का भी मानना है कि इस बार टीम की कोई उम्मीदें नहीं हैं।