नई दिल्ली । साल 2020 दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ कंपनियों के लिए भी बुरा रहा, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से भले ही कंपनियों के लिए बुरा वक्त रहा हो पर उनके सीईओ पर धन की बारिश हुई। विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग के लिए साल 2020 खराब था। महामारी ने इसके कारोबार को खत्म कर दिया और कंपनी ने 30,000 कर्मचारियों को बाहर कर दिया। कंपनी को 12 अरब डॉलर का नुकसान हुआ इसके बावजूद कंपनी के सीईओ डेविड कैलहौन को 21.1 मिलियन डॉलर मिले। नॉर्वेजियन क्रूज लाइन मुश्किल से साल 2020 में डूबने से बची। क्रूज़ इंडस्ट्रीज में ठहराव के कारण कंपनी को 4 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और उसने अपने 20 प्रतिशत कर्मचारियों को निकाल दिया मगर कंपनी ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी फ्रैंक डेल रियो के वेतन को दोगुना से अधिक (36.4 मिलियन) कर दिया। वहीं हिल्टन, जहां लगभग एक चौथाई कॉर्पोरेट कर्मचारियों को बैठा दिया गया। होटल खाली थे और कंपनी को 720 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। फिर भी हिल्टन ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस नासेट्टा को 2020 में 55.9 मिलियन डॉलर का कंपनशेसन दिया।
ब्लूमबर्ग के अनुसार दुनिया के 10 सबसे रईस लोगों में से आठ ऐसे हैं, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में तकनीकी कंपनियों की स्थापना की या उन्हें चलाया और इनमें से हर एक ने 2020 में अरबों डॉलर का कमाया। अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस जिनका लॉकडाउन में मुनाफा आसमान छू रहा था, अब 193 अरब डॉलर के मालिक हैं। गूगल सह-संस्थापक लैरी पेज ने पिछले चार महीनों में 21 अरब डॉलर कमाए। उनकी संपत्ति अब 103 बिलियन डॉलर हो गई है, क्योंकि उनकी कंपनी की किस्मत में महामारी के दौरान खूब चमकी। सीईओ कंपनसेशन और औसत कार्यकर्ता वेतन के बीच की खाई दशकों से बढ़ रही है। इकोनॉमिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के मुताबिक बड़ी कंपनियों के चीफ एग्जिक्युटिव को अब अपने टिपिकल वर्कर से औसतन 320 गुना मिलते हैं। 1978 से 2019 तक विशिष्ट श्रमिकों का कंपनसेशन 14 प्रतिशत बढ़ा तो सीईओ के लिए यह 1,167 प्रतिशत था।
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कंपनियों के लिए बुरा वर्ष रहा 2020, लेकिन उनके सीईओ पर धन बरसा