नई दिल्ली । देश में कोविड19 की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के चलते पिछले 2 माह में लोगों की कैश पर निर्भरता में बढ़ोतरी आई है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 9 अप्रैल को समाप्त पखवाड़े के दौरान नागरिकों के पास करेंसी यानी करेंसी विद पब्लिक 30191 करोड़ रुपये बढ़कर 2787941 करोड़ रुपये के नए स्तर पर पहुंच गई। 27 फरवरी से 9 अप्रैल के दौरान की 6 सप्ताह की अवधि में करेंसी विद पब्लिक 52928 करोड़ रुपये बढ़ गई। इसकी वजह सरकार द्वारा फिर से लॉकडाउन लगाए जाने का डर है। आरबीआई के मुताबिक, सर्कुलेशन में मौजूद कुल करेंसी में से बैंकों में मौजूद कैश को घटाने के बाद जो अमाउंट बचता है वह करेंसी विद पब्लिक है। सर्कुलेशन में मौजूद करेंसी में नोट, रुपये के सिक्के और छोटे सिक्के शामिल हैं। सर्कुलेशन में करेंसी देश में मौजूद वह करेंसी या कैश है जो कंज्यूमर्स और बिजनेस के बीच ट्रांजेक्शन करने के लिए फिजिकली इस्तेमाल होता है।
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लॉकडाउन के डर ने कैश पर बढ़ाई निर्भरता