मुंबई । विमानन कंपनियां 31 मई तक किराया में बढ़ोत्तरी नहीं कर पाएंगी। पहले की ही तरह उन पर किराए को लेकर प्रतिबंध लगा रहेगा। यह जानकारी सिविल एविएशन मंत्रालय ने जारी एक आदेश में दिया है। गौरतलब है कि कोरोना की वजह से पिछले साल से ही फ्लाइट किराए की सीमा पर प्रतिबंध लगा है। इससे पहले फरवरी में भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया था। किराए के अलावा फ्लाइट को 80 फीसदीक्षमता के साथ ही चलाना होगा। विमानन कंपनियों ने रविवार को ही मंत्रालय से यह अपील की थी कि क्षमता को घटाकर 60 फीसदी कर दिया जाए क्योंकि अप्रैल में बुकिंग में काफी कमी आई है। जनवरी से थोड़ी रिकवरी हो रही थी, पर इस महीने में विमानन कंपनियों को झटका लग सकता है। फरवरी के पहले जो कम से कम किराया तय किया गया था उसमें फरवरी में 10 फीसदी से 30 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। नए प्राइस बैंड के मुताबिक, दिल्ली-मुंबई रूट पर इकोनॉमी क्लास में एक ओर का किराया 3,900-13,000 रुपए के रेंज में तय किया गया था। पहले यह 3,500-10,000 रुपए के रेंज में था। कोरोना शुरू होने के बाद शेड्यूल्ड डोमेस्टिक ऑपरेशन 25 मार्च 2020 से रोक दिया गया था। 25 मई से इसे कुछ शर्तों और प्री-कोविड लेवल के मुकाबले एक-तिहाई क्षमता के साथ धीरे-धीरे खोलना शुरू किया गया। हवाई किराए पर न्यूनतम और अधिकतम सीमा लगाई गई थी, ताकि विमानन कंपनियां बहुत ज्यादा किराया न लें और सिर्फ जरूरी कार्यों के लिए ही हवाई यात्रा हो। 3 दिसंबर 2020 को फ्लाइट कैपेसिटी को बढ़ाकर प्री-कोविड स्तर के 80 फीसदी तक कर दिया गया था। इससे पहले यह 70 फीसदी था।
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31 मई तक विमानन कंपनियां नहीं बढ़ा सकेंगी किराया