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उड्डयन मंत्रालय का आदेश, 31 मई तक किराया नहीं बढ़ा सकेंगी विमानन कंपनियां

उड्डयन मंत्रालय का आदेश, 31 मई तक किराया नहीं बढ़ा सकेंगी विमानन कंपनियां

नई दिल्ली । भारत में हवाई यात्रा को लेकर लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। दरअसल, देश की विमानन कंपनियां अब 31 मई तक किराया नहीं बढ़ा पाएंगी। विमानन मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि घरेलू उड़ानों पर किराया कैप 31 मई तक जारी रहेगा। ध्यान दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर, विमानन मंत्रालय ने यात्रियों को भारी कीमत से बचाने के लिए घरेलू विमान सेवा पर कैप लागू किया था। मंत्रालय ने बयान में कहा कि एयरलाइन की क्षमता 80 प्रतिशत पर कैप अगले महीने के अंत तक भी बरकरार रखी जाएगी। यह आदेश तब आया जब विमानन कंपनियों ने सरकार से 60 प्रतिशत तक क्षमता कम करने की अपील की थी क्योंकि कोविड-19 के प्रकोप के कारण बुकिंग में कमी आ गई। विमानन प्राधिकरण के ताजा बयान में कहा गया है कि यह नया कदम देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उठाया गया है। इससे पहले विमानन नियामक ने ग्रीष्मकालीन शेड्यूल के लिए 108 हवाई अड्डों से प्रति सप्ताह 18,843 उड़ानों को मंजूरी दी थी, जो मार्च के आखिरी रविवार से शुरू हुई और अक्तूबर के आखिरी रविवार को समाप्त होगी। यात्रिओं की संख्या के चलते जनवरी से थोड़ी रिकवरी हो रही थी, लेकिन इस महीने विमानन कंपनियों को काफी नुकसान हो सकता है। फरवरी के पहले जो कम से कम किराया तय किया गया था उसमें फरवरी में 10 फीसदी से 30 फीसदी  की बढ़ोतरी की गई थी। 
नए प्राइस बैंड के मुताबिक, दिल्ली-मुंबई रूट पर इकोनॉमी क्लास में एक ओर का किराया 3,900-13,000 रुपये के बीच में तय किया गया था। पहले यह 3,500-10,000 रुपये के रेंज में था। उल्लेखनीय है कि विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने फरवरी में कहा था, 'न्यूनतम और अधिकतम किराया एक असाधारण कदम था, जो असाधारण परिस्थिति में उठाया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि सीमित उपलब्धता के कारण हवाई किराए में बेतहाशा बढ़ोतरी न हो जाए। प्राइस बैंड को परमानेंट रखने का हमारा कोई इरादा नहीं है।'
 

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