नेशनल अवॉर्ड विजेता फिल्ममेकर हंसल मेहता ने कोरोना महामारी से बने हालात की तुलना 2011 में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म 'कॉनटैजियन' से की है। उनका कहना है कि सोडरबर्ग की उस फिल्म ने हमें आज के दौर के बारे में चेतावनी दी थी। पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित हुए मेहता ने कहा, "कॉनटैजियन कड़ी रिसर्च पर आधारित थी। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं थी। बल्कि जो आना था, उसके बारे में चेतावनी थी। किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सबको लगा कि यह भी एक डिजास्टर सर्वाइवल ड्रामा है, जिसमें हॉलीवुड माहिर है।" कॉनटैजियन में कोरोना की तरह ही एक ग्लोबल महामारी और उससे इंसानी संघर्ष की कहानी दिखाई गई थी।