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कभी भी फोन काल इग्नोर न करें, मिस्ड काल का भी जबाब दे ?

कभी भी फोन काल इग्नोर न करें, मिस्ड काल का भी जबाब दे ?

कभी भी किसी की फोन काल इग्नोर न करें, मिस्ड काल का भी जबाब दे।वर्तमान परिदृश्य में अक्सर देखा गया है कि कुछ तथाकथित लोग फोन काल इग्नोर करते
है।फोन व्यस्त कर देते है।व्यस्त है तो संदेश भेज दो मगर कुछ लोग फोन उठाते ही नहीं है।मिस्ड काल का जबाब तक देना मुनासिब नहीं समझते है।कुछ लोग मोबाईल पर इतने व्यस्त रहते है कि हर समय कान पर ही मोबाईल देखा जा सकता है।कुछ अजनबी नंबरों से परहेज करते है।व्लौक कर देते है।ब्लैकलिस्ट में डाल देते है।यह आदते बहुत ही घातक सिद्व होती है।यह प्रलय की आहट है।अनावश्यक लगातार व्यस्त रहते है।आधुनिक समाज में समय≤ पर ऐसी घटनाएं व दर्दनाक हादसे घटित हो गए कि लोगों के मोबाईल व लैंड लाइन फोन न सुननें के कारण कुछ लोग जीवन गंवा बैठे। कुछ ऐसे हादसे हो गए कि लोग आज ताउम्र पछताते है। गत वर्ष एक घटना घटित हुई कि गांव में एक महिला को सुबह चार बजे दिल का दौरा पड़ा घर के सदस्यों ने पडा़ेस में एक गाड़ी वालें को फोन किया मगर उसने नहीं उठाया महिला की तबीयत बिगड़ गई तो घर वालों ने पीठ पर डाक्टर के पास ले जाने लगे मगर रास्ते में ही उस महिला के प्राण पखेरु उड़ गए ।काश उस पड़ोसी ने मोबाईल सुन लिया होता तो उस महिला को बचाया जा सकता था।एक बार एक परिवार कहीे शादी मे जा रहा था कि सुनसान व खाई वाले रास्ते में एक्सीडैंट हो गया। गाड़ी खाई में नीचे गिर गई घर के सब सदस्य बेहोश हो गए केवल एक नाबालिग15 साल का युवक ही होश में था वह भी खून से लथपथ था।घायलावस्था में उसने रिश्तेदारों को फोन किया मगर किसी ने भी रिसीब नहीं किया।बच्चे ने सबको मैसेज कर दिया कि फंला जगह पर कार का हादसा घटित हुआ है रात का समय था।सुनसान व विरान जगह पर कोई आवजाही भी नहीं थी नतीजन सुबह तक सब सदस्य मोेैत की नींद सो चुकें थेे बाद में सब एक दूसरे को कोसने लगें कि फोन क्यों नहीं सुना। एक छोटी सी गलती के कारण पूरा परिवार अकाल ही मौत की नींद सो गया।अगर रिश्तेदारों ने समय पर फोन सुन लिया होता तो सब लोग बच सकते थे।मिस्ड काल को भी अनदेखा न करें कई बार हादसा होनें के कारण अनजान नंबरों से भी काल आती है।एक बार रात का एक मकान में आग लग गई घर के लोगों ने पडोसियों को आवाजंे लगाई फोन किये मगर पडो़सी गहरी नींद में थे। बदहवाश घर के लोगों ने भीषण आग को काफी बुझाने का प्रयास किया मगर सब कुछ राख हो गया फायर बिग्रेड के पहुंचने तक सारा सामान धू-धू जल गया था।एक समय था कि लोगों के घरों में केवल लैंडलाईन फोन हेाते थे।घंटी बजती थी तो सुन जाती थी। आज एक घर में एक नहीं दस मोबाइल होते है।।अपने अपने मोबाई पर मसत रहते है।मुफत का डाटा मिल रहा है।काम कुछ नहीं है।मंहगें सैट रखे है।काम के समय इतने व्यस्त हो जाते हैं कि पता नहीं कितने बडे अफसर है जो दिन भर काल आती रहती है। अब लोग बाईबरेशन पर मोबाईल रखते है।साईलैट कर रखते है। कभी भी किसी का फोन इग्नोर न करें कभी भी कोई मुसीबत में हो सकता है।अगर समय पर घायलों को इलाज मिल जाए तो अनमोल जीवन बचाया जा सकता है।मिस्ड काल का जबाब दे।कुछ लोग  बहुत ही समझदार है कि हर काल का रिपलाई कर देते है।मिस्ड काल का जबाब देते है।अनजान नंबरो का भी जबाब देते है।समाज को ऐसे हादसों से समाज को सबक लेना चाहिए।समाज को इस पर मंथन करना होगा।यह समाज हित में है।

(लेखक- नरेन्द्र भारती )
 

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