कानपुर । पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और वहां भीड़ भरी रैलियों के बाद कोरोना फैलने की रफ्तार ने कई गुना तेजी आई है। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों की चर्चा कम है। यूपी के सभी बड़े शहरों में मचे हाहाकार के बाद कोरोना ने अब गांवों में भी तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। राज्य में हर दिन करीब 30 हजार केस मिल रहे हैं। इनमें दूरदराज के जिलों की हिस्सेदारी काफी ज्यादा है। इसकी वजह चार चरणों में हुए पंचायत चुनाव माने जा रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने उत्तर प्रदेश के कानपुर के गांव टिकरा और वाराणसी के असवारी गांव का जायजा लिया। ये गांव जयापुर से 3 किलोमीटर पहले हैं। कानपुर का गांव टिकरा कल्याणपुर ब्लॉक में है और शहर के काफी नजदीक है। यहां पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है। गांव वाले बताते हैं कि पंचायत चुनाव के दौरान तो खूब चहल-पहल थी, लेकिन अब फिलहाल गलियों में सन्नाटा नजर आता है। इस समय गांव में 70 से 80 लोग बीमार हैं। गांव के लोग संक्रमण बढऩे की दो वजहें मानते हैं। एक शख्स अपना नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि एक तो प्रधानी के चुनाव के दौरान लोग भीड़ में घूम रहे थे। दूसरा गांव शहर के पास है, इसलिए वहां भी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इससे भी केस बढ़े हैं। गांव के लोग बताते हैं कि संक्रमण से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद लोग कोरोना को लेकर सावधान हुए हैं। प्रेम प्रकाश कहते हैं कि पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों ने भी तय किया है कि रिजल्ट आने के बाद कोई जुलूस, रैली या जमावड़ा नहीं किया जाएगा, क्योंकि कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है।
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पंचायत चुनाव बना कोरोना का सुपर स्प्रेडर यूपी में तेजी से बढ़ रहे खांसी-बुखार के मरीज