नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण के बीच अभी तक आपने ऑक्सीजन, फैबिफ्लू, रेमिडिसिवर की किल्लत की खबरें पढ़ रहे थे। मगर इससे अलग कुछ सामान्य दवाएं जो कि कोरोना के हल्के संक्रमण में कारगर साबित हो रही वह दवाएं भी बाजारों से गायब हो रही है। इसमें सबसे पहला नाम है पैराशिटा मॉल यह दवाएं अलग-अलग ब्रांड नाम जैसे डोलो, क्रोसिन, कलपॉल 650 एमजी के नाम से मांगेंगे तो शायद आपतो तीन में से एक पर ही मिले। इसी तरह विटामिन सी के लिए सबसे अधिक प्रयोग हो रहा लिमसी की खपत के चलते छोटे मेडिकल स्टोर से यह गायब है। एवरमैक्टीन, डॉक्सीसाइक्लिन, जिंकोविट समेत कई मल्टी विटामिन की दवाईयां बाजार से गायब है। दवा विक्रेता कहते है अचानक से इन दवाओं की मांग बढ़ गई है, जो बीमार नहीं है वह भी इन दवाओं को भविष्य के लिए लेकर रख रहे है। दिल्ली में इन्हीं दवाओं की किल्लत को लेकर दिल्ली के अलग-अलग इलाके में मेडिकल स्टोर पर जाकर इन दवाओं के बारे में जानकारी ली दिल्ली में लॉकडाउन में अस्पताल, मेडिकल स्टोर के बाहर इन दिनों सबसे ज्यादा भीड़ है। वजह सिर्फ एक कोरोना संक्रमण है। कोरोना संक्रमण से बचने की चाह में लोग अस्पतालों में बेड के साथ दवाओं के लिए मेडिकल स्टोर का भी चक्कर लगा रहे है। कारण सिर्फ उन्हें एक ही दुकान सभी दवाएं नहीं मिल पा रही है। कोरोना के हल्के संक्रमण में प्रयोग होने वाली सामान्य दवाओं की खपत बढ़ गई है। लाजपत नगर में मेडिकल स्टोर चलाने वाले निर्मल ने बताया कि कोरोना के डर के चलते कुछ दवाएं लोग खरीदकर रख ले रहे है। ये भी बाजार में दवाई कम होने का बड़ा कारण है। उन्होने कहा कि कोरोना के हल्ते संक्रमण के लिए लिमसी, एवरमैक्टीन, सुप्राडॉएन जैसी दवाएं अगर आप मुझसे आज मांगेंगे तो कल आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बताया कि बीते दो घंटे में इन दवाओं के लिए 8 लोगों को लौटा चुका हूं। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि हम दवाई नहीं रख रहे है। हमें पीछे से ही ऑर्डर का 30 फीसदी मॉल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हम पैराशिटामॉल के अलग-अलग ब्रांड के 3 हजार पत्ता मांगते है तो हमें 600 1000 के बीच ही मिलता है। इसी तरह जिंकोविट, लिमसी की भी 30-35 फीसदी आपूर्ति हो रही है। जिससे रोज ये दवाएं शाम तक खत्म हो जाती है। दिलशाद गार्डन स्थित मेडिकल स्टोर पर कोरोना के समय कई जीवन रक्षक दवाइयों की कमी शुरू हो गई है। पैराशिटामॉल (डोलो, कलपॉल 650 एमजी), विटामिन सी सहित अन्य दवाएं भी नहीं मिल रही हैं। पैरासीटामॉल, डोलो की वैकल्पिक दवाएं तो है मगर डोलो मांगने पर मेडिकल स्टोर से आपको खाली लौटना पड़ेगा। दिलशाद गार्डेन के चेतक कांप्लेक्स में मेडिकल स्टोर चलाने वाले सतीश कुमार ने बताया कि ऐसी स्थिति बहुत आई है कि जरूरी दवाएं दुकान पर नहीं मिल रही हैं। फेबीफ्लू सहित अन्य दवाएं और इंजेक्शन तो कई दिन से दुकानों पर उपलब्ध नहीं हैं। हमारे यहां भी साल बुटामॉल, विटामिन सी, मेडेरॉल सहित कई दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। दरअसल थोक में यानि पीछे से ही यह दवाएं हमारे तक नहीं आ रही है। वह इसकी कालाबाजारी से इंकार करते हुए कहा कि कोरोना के चलते चानक से बढ़ी मांग के कारण इनकी कमी सामने आ रही है। राजधानी दिल्ली में शाहदरा के वेस्ट गोरख पार्क में मेडिकल स्टोर चलाने वाले कमलजीत सिंह ने कहा कि इस समय कुछ खास दवाओं की मांग बढ़ गई है। पीछे से उसकी आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि विटामिन सी देने वाले लिमसी दवा की उपलब्धता कम है। यह दवाएं रोज जितनी भी आ रही है रोज खत्म हो रही है। कई बार आपूर्ति नहीं आती है तो मिलने में दिक्कत होती है।
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दिल्ली के बाजारों से खत्म हो रही डोलो लिमसी