नई दिल्ली । कोरोना वैक्सीन और उससे जुड़ी दवाओं पर टैक्स को लेकर हो रही आलोचनाओं पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि कोविड वैक्सीन पर न्यूनतम 5 और ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर व कोविड की दवाओं पर 12 प्रतिशत टैक्स जरूरी है, इससे इनकी कीमतों को कम करने में मदद मिलती है। वित्त मंत्री की यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त आई है, जब ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें कोरोना से जुड़ी दवाओं और उपकरणों के आयात पर टैक्स में छूट की मांग की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन और दवाओं पर सामान्य टैक्स से निर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (टैक्स रिफंड) मिलती है, इससे उन्हें कीमत कम रखने में मदद मिलती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कोरोना की दवाओं के आयात पर टैक्स पहले ही माफ किया जा चुका है।
सीतारमण ने कहा, अगर इन दवाओं और जीवनरक्षक उपकरणों पर कर में पूरी तरह छूट दी जाती है तो घरेलू विनिर्माता इनके निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल और अन्य सामानों पर चुकाए गए टैक्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं उठा पाएंगे। ऐसे में वो कच्चे माल पर चुकाए गए टैक्स का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने को मजबूर होंगे और ये उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
इनपुट टैक्स क्रेडिट वो रिफंड है, जो विनिर्माता (मैन्युफैक्चरर्स) किसी कच्चे माल या सेवाओं पर चुकाए गए टैक्स की एवज में मांग करते हैं। इससे उन उत्पादों की कीमत कम रखने में मदद मिलती है। लेकिन जिन उत्पादों पर कोई भी टैक्स नहीं होता है, उन पर टैक्स रिफंड यानी इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कोई विनिर्माता नहीं करता।
सीतारमण ने यह भी कहा कि कोविड-19 की दवाओं और संबंधित सामान के आयात पर लगने वाला टैक्स पहले ही माफ कर दिया गया है। वहीं इन सामानों पर लगने वाला इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स का 70 फीसदी हिस्सा राज्यों के खाते में जाता है।
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कोविड वैक्सीन पर न्यूनतम 5 प्रतिशत टैक्स जरूरी, इससे कीमतें कम होंगी - वित्तमंत्री