
नई दिल्ली । अगले माह 18 से 22 जून तक साउथैंप्टन में होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में आर अश्विन और रवींद्र जडेजा में से किसी एक को ही जगह मिल सकती है, इसका कारण है कि यहां स्पिनरों की जगह तेज गेंदबाज अधिक सफल रहे हैं। जडेजा का प्रदर्शन हाल में आईपीएल में अच्छा रहा है। ऐसे में उन्हें अश्विन पर वरीयता मिल सकती है। अश्विन ने टेस्ट में 400 से अधिक विकेट लिए हैं।
साउथैंप्टन के रिकॉर्ड का देखें तो इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने 6 टेस्ट में 28 की औसत से 68 विकेट लिए हैं। स्ट्राइक रेट 64 का रहा है। वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने 2 टेस्ट में 42 की औसत से 20 विकेट लिए हैं। स्ट्राइक रेट 76 का है। वहीं न्यूजीलैंड की टीम ने इस पिच पर अब तक एक भी टेस्ट नहीं खेला है। इसका लाभ भी टीम इंडिया को मिल सकता है। साउथैंप्टन में दो मैच में हमारे स्पिन गेंदबाजों ने 44 की औसत से 9 विकेट लिए हैं। स्ट्राइक रेट 83 का रहा है। ऐसे में टीम इंडिया यहां सिर्फ एक ही स्पिन गेंदबाज के साथ उतर सकती है। दूसरे स्पिन गेंदबाज की जगह तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर को बतौर ऑलराउंडर अवसर मिल सकता है। शार्दुल ने ऑस्ट्रेलिया में हुए टेस्ट में बल्ले और गेंद दोनों ने अच्छा प्रदर्शन करके भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। ब्रिस्बेन में खेले गए टेस्ट में शार्दुल ने 7 विकेट लिए थे और पहली पारी में 67 रन की पारी भी खेली थी।
यह हो सकते हैं टीम इंडिया के अंतिम ग्यारह खिलाड़ी : रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेजश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, इशांत शर्मा, मोहम्द शमी और जसप्रीत बुमराह।