चिन्हीकरण समेत छह सूत्रीय मांगों के समाधान के लिए उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच से जुडे हुए आंदोलनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा और कहा कि शीघ्र ही कार्यवाही न होने पर आंदोलन को तेज किया जायेगा।
यहां मंच के अध्यक्ष नंदाबल्लभ पांडेय के नेतृत्व में आंदोलनकारी शहीद स्थल में इकटठा हुए और वहां से रैली के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और इस अवसर पर पांडेय ने कहा कि लंबे समय से आंदोलनकारी अपनी मांगों के समाधान के लिए आंदोलनरत रहे लेकिन उनकी समस्याओं पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो चिंता का विषय है। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष नंदाबल्लभ पांडेय ने कहा कि सरकार को जगाने के लिए आंदोलन को तेज किया जायेगा और इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी। दस प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है जो चिंता का विषय है और इसके लिए शीघ्र ही विधानसभा से विधेयक पारित किये जाने की आवश्यकता है, जिससे आंदोलनकारियों को इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों के हितों के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रही है जिसके लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन ने अभी तक इस ओर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो चिंताजनक है। अभी तक शासन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई सुध नहीं ली गई है।
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को शीघ्र ही चिन्हित किया जाये और छूटे हुए आंदोलनकारियों को शीघ्र ही दर्जा दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन उनके हितां के लिए गंभीर नहीं दिखाई दे रही है जिसके लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा। उनकी मांगों पर शासन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जो चिंता का विषय है। वह सरकार की जन विरोधी नीतियों से नाराज है। उन्होंने कहा कि समूचे उत्तराखंड को आरक्षित किया जाये। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहे के दोषियों को फांसी दिये जाने की मांग की गई है लेकिन अभी तक इस ओर किसी भी प्रकार की कोई नीति तैयार नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि शासन की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन को तेज किया जायेगा। इस अवसर पर जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया और कार्यवाही किये जाने की मांग की गई। इस अवसर पर शहीद स्थल में हो रही अवैध कार्यों पर रोक लगाये जाने की मांग की गई। इस अवसर पर अनेक आंदोलनकारी शामिल थे।
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चिन्हीकरण समेत छह सूत्रीय मांगों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा