मुंबई, । महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार की सोशल मीडिया पर छवि चमकाने के लिए 6 करोड़ रुपये प्राइवेट कंपनी पर खर्च करने के फैसले पर आलोचना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इसे वापस ले लिया है. मीडिया में खबर आने के बाद उप-मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रेस नोट जारी कर यह फैसला लिया. ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में कोरोना के चलते राज्य सरकार की तरफ से सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. संक्रमण की रोकथाम के कई प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य सरकार के मुताबिक, सरकारी खजाना खाली हो चुका है और कई मंत्रालय और उनके विभागों ने यहां तक कह दिया है कर्मचारियों को वेतन तक देने के लिए उनके विभाग के पास पैसे नहीं बचे हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना की जा रही थी.
- क्या था आदेश?
दरअसल, राज्य सरकार के आदेश में कहा गया था कि उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के सोशल मीडिया पर वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए 6 करोड़ रुपए खर्च करेगी. इसके जरिए उद्धव ठाकरे की सरकार अजित पवार और उनके विभाग के कामों की जानकारी को आम जनता तक पहुंचाना चाहती है. इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने तय किया है कि वह इसका ठेका किसी बाहरी कंपनी को देगी. आदेश में यह कहा गया था कि प्राइवेट एजेंसी अजित पवार के ट्विटर, फेसबुक, ब्लॉगर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया एकाउंट्स देखेगी. चौंकाने वाली बात यह है कि इस आर्डर कॉपी में साफ तौर पर लिखा है कि खुद महाराष्ट्र सरकार की संचार व जनसंपर्क विभाग ना काबिल है. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के डीजीआईपीआर यानी संचार व जनसंपर्क विभाग के पास 1200 लोगों का स्टाफ है जिसका सालाना बजट लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए का है. ऐसे में अजित पवार के लिए अलग से 6 करोड़ रुपए देकर सोशल मीडिया पर छवि चमकाने की बात हैरान करने वाली थी.
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आलोचना के बाद उप मुख्यमंत्री पवार के सोशल मीडिया प्रचार पर 6 करोड़ खर्च करने का फैसला वापस