बेंगलुरु । जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने ऑक्सीजन और टीकों की आपूर्ति को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कर्नाटक के प्रति पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाकर पूछा कि क्या कन्नड़ लोग संघीय ढांचे में अनाथ बन गए हैं। कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र को अपना अहंकार त्याग देना चाहिए। केंद्र को लगता है कि वहीं सबसे ताकतवर है,केन्द्र सरकार को यह मानना छोड़कर इसके बजाय कर्नाटक की वास्तविक जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाना चाहिए। इस पर भाजपा नेता सी टी रवि एवं सांसद तेजस्वी सूर्या ने पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को ट्वीट करने से पहले अपने तथ्यों को ठीक करने की सलाह दी।
कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, कर्नाटक के लिए 1,200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति के अदालत के आदेश के बावजूद केंद्र राज्य को सिर्फ 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दे रहा है। केंद्र ने यूपी को 1,680 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुहैया कराकर अपना पक्षपातपूर्ण रवैया दिखाया है, जहां कर्नाटक की तुलना में कोविड के कम मामले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक को लेकर केंद्र के पक्षपातपूर्ण रवैया का खुलासा सरकार के ही आंकड़ों से हुआ है। उन्होंने कहा, आखिर केंद्र कर्नाटक और कन्नड़ों का इतना तिरस्कार क्यों कर रहा है? क्या यह इस कारण है, कि कर्नाटक से भाजपा के सबसे अधिक सांसद चुनकर आए हैं या येदियुरप्पा (कर्नाटक के मुख्यमंत्री) को खलनायक के तौर पर पेश करने का एक प्रयास है।’’
इसके बाद कुमारस्वामी के ट्वीट का जवाब देकर रवि और सूर्या दोनों ने कहा कि कर्नाटक को कुल 1,075 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है और जिस 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की वह बात कर रहे हैं वह राज्य की आपात जरूरत को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस से भेजी गयी थी। रवि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं। उन्होंने ट्वीट किया, कर्नाटक को कुल 1015 मीट्रिक टन + 60 मीट्रिक टन यानी 1075 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित किया जा रहा है। जिस 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की बात कर रहे हैं,उस राज्य की आपात जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन से भेजा गया। एक जिम्मेदार पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते आपको ट्वीट करने से पहले तथ्यों पर गौर करने की आवश्यकता है। बेंगलुरु दक्षिण से सांसद सूर्या ने भी अपने ट्वीट में इसकी जानकारी दी। मंगलवार को पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 120 टन ऑक्सीजन के साथ कर्नाटक पहुंची।
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कुमारस्वामी का मोदी सरकार पर हमला, क्या कन्नड़ लोग संघीय ढांचे में अनाथ हैं