शिमला । हिमाचल प्रदेश में बीते दो दिन से लगातार बारिश और बर्फबारी हो रही है। इससे तापमान में भारी गिरावट आई है। मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में 18 साल बाद रिकॉर्ड टूटा है। विभाग ने कहा कि 2004 से लेकर अभी तक मई में सबसे कम तापमान 12 मई को दर्ज किया गया। तापमान में लगातार गिरावट और फिर गर्मी बढ़ने से मानव के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही फसलों और फलों के लिए यह नुकसानदायक है। तापमान में यह कमी प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी और निचले इलाकों में ओलावृष्टि व बारिश की वजह से आई है। मौसम विभाग ने 24 घटे के दौरान ऊंचाई वाले एक-दो स्थानों पर बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई है।
मौसम विभाग ने बताया कि साल 2004 में शिमला में पारा 26.1 डिग्री दर्ज हुआ था। वहीं, 13 मई को शिमला में अधिकतम पारा 15.7 डिग्री दर्ज हुआ है। मई में शिमला में आम तौर पर पारा 25 डिग्री के करीब रहता है। लेकिन अब शिमला में तापमान गिरने से मई में दिसंबर जैसा एहसास हो रहा है। इसके अलावा, मंडी जिले के सुंदरनगर में 18.9 डिग्री तापमान दर्ज हुआ है। जबकि आम तौर पर यहां मई में 35 डिग्री के आसपास पारा रहता है। वहीं, प्रदेश के सबसे गर्मा जिले ऊना में भी पारा गुरुवार को 28.2 डिग्री दर्ज हुआ। यहां आम तौर पर मई में 40 डिग्री के करीब तापमान देखा जाता है।
मौसम विभाग ने 16 मई तक चोटियों पर हिमपात और कुछ निचले क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई है, प्रदेश में अप्रैल और मई में अधिक बारिश दर्ज की गई है। हिमाचल में ऊपरी शिमला में बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों और बागवानों का काफी नुकसान किया है, यहां पर ओलावृष्टि से एंटी हेलनेट व सेब के पौधों की टहनियां टूट गर्ई। कुल्लू, शिमला के ठियोग उपमंडल और जुब्बल व कोटखाई की कई पंचायतों में ओलावृष्टि से सेब और सब्जियों को नुकसान पहुंचा है।
रीजनल नार्थ
हिमाचल प्रदेश में 18 साल का टूटा रिकॉर्ड, मई महीने में जमकर हुई बारिश