यातायात संबंधी वायु प्रदूषण से बच्चों के दिमाग के रसायन में बदलाव हो सकता है जिससे चिंता और अवसाद जैसे मानसिक विकारों का खतरा बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण के संपर्क में रहना एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है जो अस्थमा और सांस रोग के साथ ही दिल की बीमारियों से जुड़ी है और इससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्रदूषण की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है।
शोधकर्ताओं ने किशोरावस्था से पूर्व न्यूरोकेमेस्ट्री में बदलाव को देखते हुए परिवहन संबंधी वायु प्रदूषण (टीआरएपी) और बचपन की चिंता में सह-संबंध का अध्ययन किया।
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र विशेष रूप से वायु प्रदूषण की चपेट में आता है और चिंता तथा अवसाद जैसे मानसिक विकारों के पनपने में इसकी भूमिका का संकेत देता है। यह शोधकर्ताओं ने 12 वर्ष तक के 145 बच्चों पर यह अध्ययन किया।
साइंस & टेक्नोलॉजी
वायु प्रदूषण से बच्चों को बचायें