लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दवाओं की कालाबाजारी पर सख्त रूख अपनाते हुए आदेश दिया कि आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएं। उन्होंने कहा कि रेमेडेसिविर सहित किसी भी जीवनरक्षक दवा की कालाबाजारी में शामिल लोगों के खिलाफ एनएसए जैसे कठोर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। यदि इन गतिविधियों में किसी मेडिकल या पैरामेडिकल स्टाफ की संलिप्तता हो, तो उनकी प्रोफेशनल डिग्री को निलंबित भी किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को यहां समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति उत्तर प्रदेश ने शुरुआत से ही अपनाई है। 17 मई को हमने साढ़े चार करोड़ कोविड टेस्ट की सीमा को भी पार कर लिया। यह किसी भी प्रदेश में हुआ सर्वाधिक टेस्ट है। अब तक प्रदेश में 4,52,31,090 टेस्ट हो चुके हैं। विगत दिवस में कुल 2,79,581 कोविड टेस्ट किए गए। इसमें से 1,14,066 टेस्ट केवल आरटीपीसीआर के माध्यम से हैं। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के मरीजों को निगरानी समितियों के माध्यम से मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। ग्रामीण इलाकों में संचालित स्क्रीनिंग के वृहद अभियान में लक्षणयुक्त अथवा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को निगरानी समिति द्वारा तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध करायी जा सके, इसके लिए निगरानी समितियों को पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए। लक्षणयुक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिकल किट निगरानी समिति द्वारा ही उपलब्ध करायी जाए, क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के पास सबसे पहले निगरानी समिति ही पहुंचती है।
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दवा की कालाबाजारी करने वाले मेडिकल स्टाफ की डिग्री करें निलंबित-योगी