नई दिल्ली । 3 मई को ख़ुद ट्वीट कर अस्पताल में बेड के लिए गुहार लगाने वाली दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में लैंगिक अध्ययन की प्रोफ़ेसर डॉ नबीला सादिक़ और उनकी मां दोनों की 10 दिनों के अंदर मौत हो गई। बड़ी मुश्किल से उन्हें बेड मिला था लेकिन तब तक उनके फ़ेफ़ड़े में संक्रमण फैल चुका था , 13 दिन अस्पताल में रहने के बाद सोमवार देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया।
नबीला ने अपने लिए अस्पताल में बेड की गुहार लगाते हुए ख़ुद किया था। डॉ नबीला का परिवार उन्हें कई अस्पतालों में लेकर गया पर बड़ी मुश्किल से उन्हें घर से 30 किलोमीटर दूर ओखला के प्राइवेट अस्पताल में बेड मिला।
तीन अस्पतालों नें मना कर दिया बोले बेड नहीं है फिर कालिंदी में बेड मिला। अगर उन्हें सही समय पर इलाज मिला होता तो उम्मीद थी। डॉ नबीला के साथी बताते हैं कि उन्हें कई अस्पतालों में भर्ती कराया लेकिन बड़ी मुश्किल से फ़रीदाबाद के प्राइवेट अस्पताल में वेंटिलेटर मिला।
रीजनल नार्थ
अस्पताल में बेड के लिए गुहार लगाने वाली दिल्ली के जामिया विवि की प्रोफ़ेसर और उनकी मां की मौत