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'मुसलमान अपने अंदर हिम्मत, यक़ीन और हौंसला पैदा करें', मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खत के आखिर क्या मायने

'मुसलमान अपने अंदर हिम्मत, यक़ीन और हौंसला पैदा करें', मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खत के आखिर क्या मायने

 चुनाव परिणामों के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों के नाम एक खत लिखा है, जिसके मजमून को लेकर अब विवाद पैदा हो रहा है। मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने को लेकर ऑल इंडिया ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने खत की हैडलाइन दी है, 'मुसलमान अपने अंदर हिम्मत, यक़ीन और हौंसला पैदा करें'। 
खत में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव की तरफ से कहा गया कि इसमें कोई शक नहीं कि चुनावी नतीजें सामने है, जो होना था, हो चुका और कोई शक की बात नहीं कि आने वाले दिनों में हालात तनावपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन अहले ईमान की ये जिम्मेदारी है कि मुश्किल से मुश्किल वक़्त में भी वो सब्र की राह पर चलें और मायूसी या ना उम्मीदी का शिकार ना हो। 
वली रहमानी आगे लिखते हैं कि हमारे बड़े बुजुर्गों ने बहुत सोच समझकर इस मुल्क में रहने का फैसला किया था और हम इस फैसले पर कायम है। ये बात भी मुसलमानों के जहन में रहनी चाहिए कि पहले भी मुसलमानों के सामने इससे भी ज्यादा सख़्त हालात आ चुके हैं और ऐसा भी दौर गुजरा है, जब चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आता था, लेकिन फिर अल्लाह ने अंधेरे के दरमियान उजाले की किरन जाहिर फरमाई। 
चुनाव के बाद भी किया था ट्वीट- 
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से चुनाव के बाद एक ट्वीट भी किया गया, जिसमें कहा गया कि चुनाव राजनीतिक पार्टियों के बीच हुआ और राजनीतिक पार्टियां ही जीती और हारी। किसी भी समुदाय को डरने की जरूरत नहीं है। जनता ने जो फैसला सुनाया है, उसका सम्मान करना चाहिए। हम उम्मीद करते है कि देश में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहेगा और देश तरक्की करेगा।
अब उठ रहें हैं ये सवाल-
इस खत को लेकर पर्सनल लॉ बोर्ड पर सवाल उठाए जा रहे कि क्या बोर्ड मुसलमानों को डरा रहा है? आखिर क्यों नतीजे आने के बाद उसे ये लेटर लिखने की जरूरत पड़ी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को क्यों लगता है कि आने वाले वक्त में हालात तनावपूर्ण हो सकते है? क्या इन तमाम बातों से आपसी भाईचारा ख़राब नहीं होगा।

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