नई दिल्ली । कोरोना वायरस के साथ ही अब ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस का संकट भी गहराता जा रहा है। केरल के तिरूर में कोविड-19 से मुक्त हो चुका एक मरीज ब्लैक फंगस से संक्रमित हो गया जिसके बाद उनकी एक आंख निकालनी पड़ी। वहीं दिल्ली में भी इसका खतरा बढ़ने लगा है। दिल्ली में इस समय ब्लैक फंगस के 185 मामले हैं। यह मामले दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा रहे हैं। दिल्ली के सात अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती है लेकिन कई अस्पतालों में इसका इलाज नहीं होने के कारण कई बड़े अस्पतालों में मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है। इस समय दिल्ली एआईआईएमएस में 61 और सर गंगाराम अस्पताल में ब्लैक फंगस के 69 मरीजों को इलाज चल रहा है। इससे पहले दिल्ली एआईआईएमस में ब्लैक फंगस के 12 से 15 मामले ही सामने आते थे। इतना ही नहीं दिल्ली एम्स और सर गंगाराम अस्पताल के अलावा मैक्स और इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में ब्लैक फंगस के कई मरीज सामने आ चुके हैं। दिल्ली एम्स में न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों हमारे यहां ब्लैक फंगस के रोजाना 20 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। यह शुगर के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि कमजोर इम्यूनिटी वालों पर भी यह ज्यादा असर दिखा रहा है।
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दिल्ली में बढ़ा ब्लैक फंगस का खतरा - एआईआईएमएस और सर गंगाराम अस्पताल में मरीजों की भरमार