YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

बच्चों को रेमडेसिविर, आइवरमेक्टिन और स्टेरॉयड थेरेपी नहीं - बच्चों को घर पर आइसोलेशन में रखा जाएगा, सिर्फ गंभीर संक्रमित बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा 

बच्चों को रेमडेसिविर, आइवरमेक्टिन और स्टेरॉयड थेरेपी नहीं - बच्चों को घर पर आइसोलेशन में रखा जाएगा, सिर्फ गंभीर संक्रमित बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा 

कानपुर । कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें बच्चों के चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी गाइडलाइन में कहा है कि अगर बच्चे संक्रमण की चपेट में आते हैं तो उन्हें घर पर आइसोलेशन में रखा जाएगा। सिर्फ गंभीर संक्रमित बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। उनको रेमडेसिविर इंजेक्शन, आइवरमेक्टिन एवं स्टेरॉयड थेरेपी देने पर पूरी तरह से मनाही होगी। विषम परिस्थितियों में स्टेरॉयड देने की जरूरत महसूस होने पर अनुमति लेनी होगी। गाइडलाइन के मुताबिक, होम आइसोलेशन में रहने वाले बच्चों का नियमित आक्सीजन लेवल चेक करते रहना होगा। अगर आक्सीजन लेवल 90 से नीचे आता है तो उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराना होगा। उनको निमोनिया का गंभीर संक्रमण, एक्यूट रेस्पेरेट्री डिस्ट्रेस ङ्क्षसड्रोम, मल्टी आर्गन डिस्फंक्शन की समस्या भी हो सकती है। उन्हें तत्काल कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराना होगा। डॉक्टर भी उनकी जरूरत के हिसाब से ही आइसीयू में शिफ्ट कराएंगे। वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखते हुए उन्हें स्टेरॉयड की दवाएं अनुमति के बाद ही चला सकेंगे। कुछ बच्चे बुखार के साथ पेट दर्द, उल्टी एवं दस्त की समस्या लेकर आ सकते हैं। उन्हें भी कोरोना संक्रमित मानते हुए इलाज किया जाना है। कोरोना का पता लगाने के लिए स्टूल टेस्ट भी करा सकते हैं। ऐसे लक्षण के साथ आने वाले बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लामेट्री ‎सिंड्रोम भी हो सकता है। इसलिए लक्षणों को भूल कर भी नजरअंदाज नहीं करना है। इन लक्षणों पर हो जाएं सतर्क- बुखार, खांसी, सांस फूलने, थकावट, सूंघने, टेस्ट की क्षमता में कमी, नाक बहने, मांसपेशियों की तकलीफ, गले में खराश।
 

Related Posts