चीन की मोबाइल कंपनी हुवावे के लिए मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं, क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण अब उसके प्रतिद्वंद्वियों रियलमी और ओपो को भारत के प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट में जगह मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि ट्रेड वॉर में अमेरिका ने हुवावे को ब्लैकलिस्ट कर दिया था, जिसके बाद गूगल ने कंपनी के साथ अपना बिजनस सस्पेंड कर दिया। हुवावे के एंड्रॉयड लाइसेंस को कैंसल कर दिया गया, यानी अब हुवावे की पहुंच गूगल के हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और टेक्निकल सर्विसेज तक नहीं होगी। ओपो प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में स्थान बनाने के लिए दूसरा प्रयास कर रहा है, जिनकी कीमत 30,000 रुपये से ज्यादा है। हाल ही में रेनो सीरीज जारी की है। वहीं, रियलमी साल के अंत में इस सेगमेंट में प्रवेश करेगी। मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि हुवावे को एंड्रॉयड ओएस वाले फोन को बाजार से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। वहीं, ओपो और रियलमी इस सेगमेंट में बढ़ रहे गैप को भर सकती है, जिसपर फिलहाल सैमसंग, वनप्लस और एप्पल का दबदबा रहा है।काउंटरपॉइंट रिसर्च ने कहा कि प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट का बाजार दिसंबर के अंत तक 10 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है। काउंटर पॉइंट रिसर्च के असोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक ने कहा, 'हुवावे की गैरमौजूदगी निश्चित रूप से कुछ राहत देगी।' रियलमी के सीईओ (इंडिया) माधव सेठ ने इस बात की पुष्टि की है कि उसकी प्रीमियम सेगमेंट में प्रवेश करने की योजना है। उन्होंने कहा, 'प्रीमियम सेगमेंट के साथ अन्य सभी सेगमेंट में काफी स्कोप है। हम इस सेगमेंट में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहते हैं और साल के अंत से पहले हमारा प्रीमियम प्रॉडक्ट लांच हो जाएगा। ओपो और रियलमी दोनों ही भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में टॉप फाइव में काबिज हैं। जिसपर बीबीके इलेक्ट्रॉनिक्स का मालिकाना हक है। यह वीवो और वन-प्लस का भी मालिक है। काउंटरपॉइंट और आईडीसी के मुताबिक, वनप्लस जनवरी-मार्च की तिमाही में दूसरा सबसे बड़ा प्रीमियम ब्रैंड रहा है, जबकि कोरिया का सैमसंग एकबार फिर इस तिमाही में पहले स्थान पर रहा।