ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा है कि ईरान अमेरिका के दबाव के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा और ना ही अपने लक्ष्यों से पीछे हटेगा फिर चाहे उसपर बम ही क्यों ना गिरा दिया जाए। ये बात रुहानी ने गुरुवार को कही है। इससे पहले ईरान के सेना प्रमुख ने कहा है कि ईरान और वाशिंगटन के बीच चल रहा विवाद 'इच्छाओं का संघर्ष' है। ईरान की ओर से यह भी कहा गया कि अमेरिका खाड़ी क्षेत्र में उससे उलझने का प्रयास ना करे। अमेरिकी सैनिकों ने मध्य-पूर्व में मौजूदगी बढ़ाई है। यहां जंगी बेड़े तैनात किए गए हैं। इनमें पैट्रियट मिसाइलें, बी-52 बमवर्षक और एफ-15 लड़ाकू विमान शामिल हैं। दोनों देशों के बीच इस वक्त काफी तनाव का माहौल है। हालात ऐसे हैं कि खाड़ी क्षेत्र में हो रहे हमलों के लिए भी अमेरिका ईरान को ही जिम्मेदार बता रहा है। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐसे संकेत दिए हैं कि अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत संभव है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में ईरान परमाणु समझौते से बाहर होने के बाद ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। साथ ही अमेरिका ने अन्य देशों को ईरान से तेल आयात करने को मना किया है। अमेरिका ने कहा है कि जो भी देश ईरान से तेल आयात करेगा उसे भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। रुहानी ने हाल ही में अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की चुनौती का सामना करने के लिए ईरानी नागरिकों से एकजुट होने की अपील भी की।