धर्मशाला । ”मैं टांडा मेडिकल अस्पताल प्रशासन, चिकित्सकों और तमाम केारोना वॉरियर्स को दिल से सलाम करती हूॅं कि उनकी बेहतर चिकित्सा सुविधा और सेवा के चलते, मैं गंभीर रूप से बीमार होने के बावजूद ठीक होकर घर अपने घर पहुॅंच गई हूॅं।“ ये शब्द हैं कोविड-19 को मात देने वाली खुंडियां तहसील के गांव पलियार, डाकघर घरना, तह0 खुंडियां की 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला जानकी देवी के। वह अस्पताल, चिकित्सकों और अन्य कोरोना वॉरियर्स का बार-बार शुक्रिया अदा करते हुए कहती हैं कि उन्हें समय पर जो सर्वोत्तम चिकित्सा सहायता और देखभाल मिली, उसी के चलते वह अपने घर वापिस आ सकीं हैं। सभी डॉक्टर और स्टाफ ने उनके उपचार और देखभाल में अपनी भूमिका बख़ूबी निभाई। वह बताती हैं कि तमाम डॉक्टर और स्टाफ उनमें विश्वास जगाते रहे कि वह जल्द ही अच्छी हो जाएंगी। जानकी देवी के बेटे, पूर्व उप-प्रधान करतार सिंह भी कोरोना वारियर्स का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि यूं तो कोरोना को मात देकर लाखों लोग घर पहुंच रहे हैं; लेकिन मेरी माता की तबीयत ज़्यादा ख़राब होने के कारण उनके बचने की उम्मीद न के बराबर थी। परन्तु टांडा मेडिकल अस्पताल द्वारा दी गई बेहतर सेवाओं और देखभाल के कारण उनकी उम्र और लम्बी हो गई है। करतार बताते हैं कि मैं अपनी माता को गंभीर स्थिति में टांडा अस्पताल लेकर गया था। उनका अक्सीजन स्तर 65 से नीचे गिर गया था। फेफड़ों में इंन्फैक्शन थी और वह तेज़ बुखार में तप रहीं थीं । उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता और देखभाल की ज़रूरत थी। ऐसे में टांडा अस्पताल के सक्षम और कुशल डाक्टरों ने उन्हें पृथक कमरे में आक्सीजन लगाई। दूसरे दिन उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। उन्हें समय-समय पर दवाई, खाना एवं फल आदि मिलते रहे। पांच दिन के बाद मेरी माता पूर्णरुप से स्वस्थ होकर, घर पहुंच गईं। इस दौरान उन्हें प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिलता रहा। ज़िलाधीश राकेश प्रजापति ज़िला में चलाए जा रहे जागरुकता अभियान के बारे में कहते हैं कि आशा वर्करों और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वे उपचार की बजाए लोगों से बचाव पर ध्यान देने की अपील करते हुए उनसे बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोने, आवश्यकता होने पर एन-95 या कपड़े के दोहरा मास्क लगाने के बाद ही बाहर निकलने और उचित दूरी बनाए रखने, ख़रीददारी करते समय हाथों को सेनिटाइज़ करने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने की सलाह देते हैं।
राकेश कहते हैं कि फिर भी अगर लोगों में सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार आदि के लक्षण सामने आते हैं तो उन्हें तुरंत कोविड-19 का टेस्ट करवाना चाहिए। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर गृह संगरोध में रहना आवश्यक है। मरीज हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क ही पहनें तथा एक मास्क अधिकतम आठ घंटे तक ही उपयोग करें। अपने कमरे की खिड़कियां खुली रखें, ताकि ताज़ी हवा मिल सके। गृह संगरोध होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा वर्कर के माध्यम से दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती हैं और आशा वर्कर द्वारा प्रतिदिन फोन के माध्यम से निग़रानी रखी जाती है। मरीज़ के लिए घर पर हर समय मदद के लिए देखभालकर्ता होना अनिवार्य है। अगर पल्स ऑक्सीमीटर की रीडिंग 90 से कम हो तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
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78 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला ने हराया कोरोना, बोलीं कोरोना से घबराएं नहीं डॉक्टरों और स्टाफ की सेवा से पहुंची अपने घर, प्रशासन-कोराना वारियर्स का जताया आभार