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 फिटनेस के मामले विदेशियों से कमजोर हैं भारतीय खिलाड़ी 

 फिटनेस के मामले विदेशियों से कमजोर हैं भारतीय खिलाड़ी 

नई दिल्ली । महिला क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच अभय शर्मा को आगामी इंग्लैंड दौरे पर काफी मेहनत करनी होगी, क्योंकि भारतीय खिलाड़ी विदेशी खिलाड़ियों की तरह फुर्तीले और मजबूत नहीं हैं। अभय शर्मा ने अंडर-19 स्तर पर भारत के कई पुरुष खिलाड़ियों के साथ काम किया है। वह मार्च में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान पहली बार राष्ट्रीय महिला टीम के साथ जुड़े थे। उस सीरीज का आयोजन काफी कम समय में हुआ।इसकारण कोच शर्मा को खिलाड़ियों के साथ काम करने का ज्यादा मौका नहीं मिला। वह 16 जून से शुरू होने वाले इंग्लैंड दौरे पर खिलाड़ियों के साथ व्यक्तिगत तौर पर काम करना चाहते हैं। 
भारतीय टीम को दौरे पर इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट, तीन वनडे और इतने ही टी20 मैच खेलने हैं। शर्मा ने मुंबई में टीम के बायो-बबल में प्रवेश करने के बाद कहा, जहां तक फील्डिंग की बात है,तब समग्र विकास की जरूरत है। खेल बदल रहा है, आपको अधिक फुर्तीला होना होगा तकनीकी रूप से काम करने की जरूरत है। मैंने जो देखा वह यह है कि बहुत-सी लड़कियां थ्रो करने की तकनीक से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा, ''अगर आप अपने शुरुआती दिनों में गलत तकनीक विकसित कर लेते हैं,तब यह आपको चोटों से परेशान करता है।एक बार जब तकनीक सही हो जाए,तब आप ताकत बढ़ाने पर काम कर सकते हैं। अभय शर्मा ने महसूस किया कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में विरोधी टीम की महिला खिलाड़ी भारतीयों की तुलना में मैदान में बहुत फुर्तीली थी। उन्होंने कहा, इस बार मैं समूह के बजाय एक-एक कर के खिलाड़ियों के साथ बातचीत करूंगा और आकलन करूंगा कि वे खेल के बारे में क्या महसूस करती हैं। इसके बाद मैं उन्हें अपनी उम्मीदों पर खरा उतारने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा, उन्हें तकनीकी पहलू पर काफी मेहनत करने की जरूरत है।खिलाड़ियों पर कार्यभार ज्यादा है लेकिन उनके कंधे उतने मजबूत नहीं है।शर्मा ने इसके साथ ही महिला टीम के लिए टेस्ट मैच आयोजित करने के लिए बीसीसीआई को बधाई दी। 
 

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