लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की करारी हार के बाद हर तरफ विरोध के सुर गूंजने लगे हैं और पार्टी के नेताओं के इस्तीफे का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के संदेश को सही से न पढ़ पाने के बाद चर्चा में आईं मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने भी प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और महाराज यानी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की कमान सौंपने की बात कह रही हैं। कमलनाथ कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे की मंत्री इमरती देवी ने ग्वालियर में यह मांग उठाते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि प्रदेश की कमान महाराज को सौंप दी जानी चाहिए।
मैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी के सामने भी यह मांग रखूंगी कि वह मध्य प्रदेश की कमान अब सिंधिया जी को सौंप दें। कांग्रेस की हार के बाद मैं महाराज से नजरें नहीं मिला पा रही हूं और न ही उनसे बात करने की हिम्मत जुटा पा रही हूं। वहीं ज्योतिरादित्य की हार के बाद इमरती देवी ने ईवीएम पर भी सवाल उठाए हैं और इसके साथ छेड़खानी की बात कही है। इमरती की मानें तो गुना-शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का हारना नाममुकिन है। ऐसा हो ही नहीं सकता की क्षेत्र की जनता महाराज को नकार दे। इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ ईवीएम है। हालांकि यह बात और है कि ग्वालियर में खुद उन पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार में सहयोग नहीं किया।
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महाराज को सौंप दी जाए प्रदेश की कमान: इमरती देवी - ज्योतिरादित्य की हार के बाद ईवीएम पर भी उठाए सवाल