नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से कोरोना हेल्पलाइन नंबरों का बड़े पैमाने पर अखबारों में दैनिक आधार पर अधिक से अधिक प्रचार करने को कहा है, ताकि लोगों को पता चल सके कि जरूरत पड़ने पर उन्हें कहां जाना है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार अखबारों में कोरोना से जुड़े हेल्पलाइन नंबरों के लिए किसी एक पन्ने पर एक कोना या कॉलम निर्धारित कर सकती है। जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने कहा है कि सरकार इस पहलू पर पिछड़ रही है। बेंच ने कहा कि अखबारों में ये प्रविष्टियां दैनिक आधार पर नहीं मिलती हैं, ये चीजें हर दिन अखबारों में होनी चाहिए। बेंच ने कहा है कि अखबार के पहले या तीसरे पन्ने के किसी एक कोने या कॉलम पर रोज हेल्पलाइन नंबर को छापा जा सकता है ताकि लोगों को पता चले कि जरूरत पड़ने पर कहां जाना है। बेंच ने कहा कि लोगों को इसकी आदत हो जाएगी। बेंच ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर लोगों के दिमाग में तुरंत दर्ज नहीं होते हैं और वे भूल सकते हैं, इसलिए ये दैनिक आधार पर अखबारों में प्रकाशित किए जाने चाहिए ताकि लोगों को पता चले, भले ही उन्हें आज इसकी आवश्यकता न हो, वे किसी विशेष स्थान पर हेल्पलाइन विवरण पा सकते हैं। इस मामले में नियुक्त न्याय मित्र और वरिष्ठ वकील राजशेखर राव ने बेंच से कहा कि यदि सरकार अखबारों में हेल्पलाइन और अन्य डेटा को और अधिक सार्वजनिक करने पर विचार कर सकती है, तो यह लोगों के लिए मददगार होगा। मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि सभी हेल्पलाइन नंबरों का विज्ञापन कर रहे हैं। साथ ही कहा कि अब इसे काफी व्यापक तौर पर करेंगे।
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कोरोना हेल्पलाइन नंबरों का रोजाना अखबारों में विज्ञापन दे दिल्ली सरकार