सत्ता में वापसी के बाद मोदी सरकार एक बार फिर एयर इंडिया में प्रस्तावित रणनीतिक बिक्री को आगे बढ़ाने में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक इस बार सरकार कंपनी में सौ फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एयर इंडिया के विनिवेश पर काम करना शुरू कर दिया है। इस बारे में नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने एयर इंडिया को एक पत्र लिखा है। इससे पहले उनकी प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के साथ एक बैठक हुई जिसमें एयर इंडिया और उसकी सहयोगी कंपनियों के वित्त वर्ष 2018-19 के वित्तीय लेखाजोखे तैयार किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि एयर इंडिया और उसकी सहयोगी कंपनियों की विनिवेश प्रक्रिया को तेज करने का फैसला किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार अब भी एयर इंडिया से पहले उसकी सहयोगी कंपनियों को बेचने के विकल्प को आगे बढ़ा रही है। एयर इंडिया पर करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।