नई दिल्ली । राज्यों को दी जानेवाली जीएसटी क्षतिपूर्ति में चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 2.69 लाख करोड़ रुपए की कमी रहने का अनुमान है। इसकी भरपाई के लिए इसमें से 1.58 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेना होगा। केंद्र को उम्मीद है कि विलासिता, अहितकर वस्तुओं पर लगाये जाने वाले उपकर से 1.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त होगी। यह राशि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्रियान्वयन की वजह से राज्यों के राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी।जीएसटी व्यवस्था के तहत राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति के वादे के अनुसार शेष 1.58 लाख करोड़ रुपए कर्ज लिए जाएंगे। जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक से पहले राज्यों के साथ साझा किए गये एजेंडा नोट के अनुसार केंद्र को हालांकि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व में सुधार की उम्मीद है, लेकिन क्षतिपूर्ति की जरूरत और उपकर के जरिये जुटाई जाने वाली राशि के बीच कुछ अंतर रहेगा।
वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में जीएसटी राजस्व में 17 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान रखा गया था। इस लिहाज से मासिक सकल जीएसटी राजस्व 1.1 लाख करोड़ रुपए बैठता है। इसके आधार पर, यह अनुमान है कि फरवरी 2021 से जनवरी 2022 के बीच की अवधि में संरक्षित राजस्व (राजस्व में कमी होने पर क्षतिपूर्ति) और वास्तविक राजस्व में कमी, क्षतिपूर्ति जारी करने के बाद 1.6 लाख करोड़ रुपए के करीब रहेगी। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र ने राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए उनकी तरफ से कर्ज लिया था और उन्हें 1.10 लाख करोड़ रुपए जारी किए थे। इसके अलावा 68,700 करोड़ रुपए उपकर के जरिये संग्रह किए गए थे। जीएसटी परिषद की बैठक करीब आठ महीने बाद 28 मई को हो रही है।
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चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति में कमी 2.69 लाख करोड़ रहने का अनुमान