कोलकाता । अरब सागर की अपेक्षा बंगाल की खाड़ी में सबसे ज्यादा चक्रवात आया है। पिछले चार वर्षों की बात करें तो अकेले बंगाल की खाड़ी ने कम से कम 12 चक्रवाती तूफानों का सामना किया है। अरब सागर की बात की जाए तो वहां पिछले चार वर्षों में 10 चक्रवात आए। बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवातों की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि 2020 में भारत में आए पांच चक्रवातों में जिनसे 113 लोगों की जान चली गई, उनमें से लगभग 100 केवल एक चक्रवात अम्फान से मरे थे। वर्ष 1891 और 2017 के बीच भारत के समुद्र तट पर हर वर्ष औसतन 5 चक्रवात आए हैं। इनमें से चार चक्रवात बंगाल की खाड़ी और एक अरब सागर में उत्पन्न हुआ। चक्रवातों की तीव्रता के मामले में बंगाल की खाड़ी अरब सागर की तुलना में अधिक सक्रिय बेसिन है। गर्म इलाके के समुद्र में मौसम की गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती है। हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से मिलकर संघनन से बादल बनाती है। इस वजह से बने खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है, जब हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है तो घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश करती है। इस तूफान को यास नाम ओमान देश से मिला है। यह पारसी भाषा के एक शब्द से बना है, जिसका मतलब जूही का फूल होता है। वहीं, उर्दू में इस शब्द को निराशावाद कहते हैं। यह साल 2021 का दूसरा चक्रवाती तूफान है।
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बंगाल की खाड़ी में सबसे ज्यादा आता है चक्रवात