लोकसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। कई राज्यों में पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई। शायद ही पार्टी को अपने इतने बुरे प्रदर्शन की उम्मीद रही होगी। इसी कारण पार्टी में इस्तीफों का दौर जारी है। इसी बीच कांग्रेस ने राहुल गांधी को पार्टी के अंदर बदलाव करने के लिए अधिकृत किया है। वहीं मीडिया से अनुरोध किया कि वह संगठन की पवित्रता को बनाए रखने में मदद करे।
सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति विचारों के आदान-प्रदान और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक लोकतांत्रिक मंच है। मीडिया के एक धड़े में आने वाले अनुमानों, अटकलों, शिलालेखों और अफवाहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सोमवार को अजय कुमार, रिपुन बोरा के बाद अब पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने इस्तीफे की पेशकश की है। इससे पहले अशोक चव्हाण, राज बब्बर और कमलनाथ ऐसा कर चुके हैं। सबसे पहले खुद राहुल ने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि शनिवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उनके इस्तीफे को नामंजूर कर लिया गया।
- किसने दिया इस्तीफा
अशोक चव्हाण, राज बब्बर, कमलनाथ, अजय कुमार, रिपुन बोरा के बाद अब पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने इस्तीफे की पेशकश की है। सबसे पहले खुद राहुल ने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि शनिवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उनके इस्तीफे को नामंजूर कर लिया गया। २०१४ की तरह इस साल के चुनाव में भी कांग्रेस दो अंको में सिमटकर रह गई है। पहले पार्टी को ४४ और अब ५२ सीटों से संतोष करना पड़ा है। इसी कारण पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। पंजाब में लोकसभा की १३ सीटे हैं जिसमें से कांग्रेस के खाते में ८, भाजपा-अकाली दल गठबंधन के खाते में ४ और आम आदमी पार्टी को १ सीट मिली है। जाखड़ खुद गुरदासपुर से चुनाव हार गए हैं। उनके खिलाफ भाजपा उम्मीदवार सनी देओल चुनाव मैदान में थे। असम की बात करें तो यहां लोकसभा की १४ सीटे हैं जिसमें से कांग्रेस को केवल तीन सीटें मिली हैं। वहीं भाजपा ने ९ सीटों पर जीत दर्ज की है। झारखंड की बात करें तो यहां १४ लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल १ सीट पर जीत मिली है। वहीं भाजपा ने ११ सीटों पर जीत हासिल की है। इसी वजह से तीनों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने राहुल गांधी को अपने पद से इस्तीफा देने के पेशकश की है। तीनों अध्यक्षों ने चुनाव में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए यह इस्तीफा सौंपा है। प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं बल्कि राहुल गांधी खुद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं।
- निशाने पर गहलोत
राजस्थान कांग्रेस के अंदर से भी विरोध की आवाजे उठ रही हैं। दो मंत्रियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। इसी बीच रविवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा सामने आया। सोशल मीडिया पर उनके हस्ताक्षर वाला कथित इस्तीफा वायरल हो रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि न तो मुख्यमंत्री गहलोत ने और न ही राज्यपाल ने की है।
- कमलनाथ बोले, क्या छोड़ दूं सीएम की कुर्सी?
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने के दावों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायकों के साथ रविवार को बैठक की। बैठक में सरकार की स्थिरता पर चिंतन के बीच कमलनाथ ने विधायकों से दो टूक पूछा कि आप ही लोगों ने मुझे सीएम बनाया है, आप लोग ही बताएं, क्या मैं कुर्सी छोड़ दूं? इस पर विधायकों ने एकजुट होकर उन पर भरोसा जताया और कहा कि सरकार पूरे ५ साल का कार्यकाल पूरा करेगी। दरअसल, भाजपा के ‘अल्पमत सरकार' के आरोपों के बाद कमलनाथ ने आनन-फानन में विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में विधायकों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और मध्यप्रदेश के इकलौते कांग्रेस सांसद और कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ भी मौजूद थे।