महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर ने कहा है कि विश्वकप क्रिकेट के पहले अभ्यास मैच में मिली हार को भूलकर टीम इंडिया को अपनी तैयारियों पर ध्यान देना चाहिये। सचिन ने कहा कि बड़े टूर्नामेंटों में हार-जीत लगी रहती है और ऐसे में हमारा लक्ष्य निरंतर बेहतर प्रदर्शन करने पर होना चाहिये। मुंबई में टी-20 लीग के समापन के अवसर पर सचिन ने कहा कि ये बड़ा टूर्नामेंट है और इसमें हार-जीत होती रहती है।
इस महान क्रिकेटर का मानना है कि गेंदबाजी करने वाली टीम की तरह बल्लेबाजी करने वाली टीम को भी मैच के दौरान खेल के नियमों का उल्लघंन करने के लिए सात रन का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। मुंबई टी-20 लीग के सेमीफाइनल में सोबो सुपरसोनिक्स और आकाश टाइगर्स मुंबई वेस्टर्न सबर्ब के बीच हुए अजीबोगरीब विवाद के बाद तेंदुलकर ने यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘जो भी मैंने देखा, वो मैंने पहली बार देखा है और फिर मैंने सोचना शुरू किया कि क्या किया जा सकता है और यह एक डेड बॉल नहीं हो सकती लेकिन नियम इस तरह के हैं कि जो कुछ भी हुआ, वो उस समय सही चीज थी।’
तेंदुलकर ने कहा, ‘लेकिन मैं सोच रहा था कि बदलाव के लिए क्या किया जा सकता है, जो आने वाले समय में लागू किया जा सकता है और मुझे लगता है कि अगर सर्कल के अंदर तीन क्षेत्ररक्षक हैं तो अंपायर उन्हें कभी नहीं कहता कि आपको चौथा क्षेत्ररक्षक रिंग में लगाने की जरूरत है और अगर नो बॉल होती है और इसके लिए फ्री हिट है। इसलिए फील्डिंग करने वाली टीम को इसके लिए जुर्माना लगाया जाता है।’
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अभ्यास मैच की हार से निराश न हों : सचिन बड़े टूर्नामेंटों में होती रहती है हार-जीत