नई सरकार 5 पेट्रोलियम उत्पादों में से हवाई ईंधन (एटीएफ) और नेचुरल गैस को सबसे पहले जीएसटी में शामिल कर सकती है। सूत्रों के हवाले से बताया कि मोदी सरकार को फिर से सत्ता मिलने से इस बात के आसार बढ़ गए हैं। इस मुद्दे पर जीएसटी काउंसिल में अगले दौर की वार्ता के लिए इस वित्त मंत्रालय ने आधार तैयार करना शुरू कर दिया है। पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय पहले ही प्रस्ताव दे चुका है। नई सरकार के शपथ लेने के बाद जीएसटी काउंसिल की शुरुआती बैठकों में वित्त मंत्रालय यह प्रस्ताव रख सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि एटीएफ को 18 प्रतिशत जीएसटी के स्लैब में रखा जाए और अन्य कोई सरचार्ज नहीं लगाया जाए तो एटीएफ की दरें कम हो जाएंगी। एटीएफ सस्ता होने से हवाई टिकट के रेट भी कम हो सकते है। इससे कॉरपोरेट ट्रैवलर्स को सबसे ज्यादा फायदा होगा, वहां जीएटसी के भुगतान पर क्रेडिट ले सकते है।इसके अलावा उनके लिए टैक्स की दरें भी कम हो जाएंगी। जीएसटी लागू करते वक्त क्रूड ऑयल, पेट्रोल, डीजल, एटीएफ और नेचुरल गैस को जीएसटी से बाहर रखा गया था। ऐसे में कंपनियों को पुराने और नए टैक्स की दोहरी व्यवस्था से गुजरना पड़ता है। इसतरह से टैक्स क्रेडिट में भी दिक्कतें आती हैं।
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हवाई ईंधन, नेचुरल गैस जल्द ही जीएसटी में हो सकते हैं शामिल