तिरुवनंतपुरम । केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लक्षद्वीप के प्रशासक के हालिया कदमों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे द्वीप के लोगों के साथ एकजुटता जताकर विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। विजयन ने कहा कि यह, लक्षद्वीप में स्थानीय जीवन शैली एवं पारिस्थतिकी तंत्र को नष्ट करने और पीछे के दरवाजे से ‘भगवा एजेंडे’ को लागू करने की कोशिश है। विजयन ने प्रस्ताव पेश कर आरोप लगाया कि इस एजेंडे के तहत नारियल के पेड़ों को भगवा रंग से रंगा गया है। विजयन ने कहा, यह लक्षद्वीप में कॉरपोरेट हितों और भगवा एजेंडे को थोपने और लागू करने का प्रयास है। विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद विजयन के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनने के बाद सदन में पहला प्रस्ताव पेश किया गया है।
इसके पहले केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप के प्रशासक के केन्द्र शासित प्रदेश में लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन 2021 (एलडीएआर) और सामाजिक गतिविधि रोकथाम (पासा) अधिनियम पेश करने के कदम के खिलाफ दायर याचिका पर केन्द्र सरकार से शुक्रवार को जवाब मांगा। अदालत ने हालांकि, इस संबंध में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एलडीएआर और पासा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन केन्द्र को दो सप्ताह में याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया। याचिका कांग्रेस नेता केपी नौशाद अली ने दायर की है। अली ने याचिका में प्रशासक द्वारा लक्षद्वीप में सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक वास्तविकताओं के साथ अवैध हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दलील दी कि द्वीप के लोगों ने भी प्रशासन द्वारा लाए एलडीएआर और लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण (एलडीए) के निर्माण का विरोध किया है क्योंकि यह प्रशासन को द्वीप के अनुसूचित जनजाति के लोगों की छोटी सम्पत्ति के अधिग्रहण का अधिकार भी देता है।
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लक्षद्वीप के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने केरल विधानसभा में प्रस्ताव पेश