
साउथम्पटन । इंग्लैंड दौरे में भारतीय टीम को दो जून से न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथम्पटन के मैदान पर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का खिताबी मुकाबला खेलना है। आंकड़ों पर नजर डाले तो इस मैच में भारतीय टीम की दावेदारी कमजोर है। इसका कारण यह है कि इस मैदान पर भारतीय टीम का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रह है। यहां भारतीय टीम ने अभी तक दो टेस्ट मैच खेले हैं और उसे इन दोनो मैचों में ही हार का सामना करना पड़ा है। यह पहली बार है जब इस मैदान का उपयोग तटस्थ स्थल के रूप में हो रहा है। यहां अब तक खेले गए सभी छह टेस्ट मैच मेजबान टीम इंग्लैंड ने ही खेले हैं। इनमें से दो टेस्ट मैच उसने भारत के खिलाफ खेले हैं और इन दोनो ही मैचों में भारतीय टीम हारी थी। वहीं डब्ल्यूटीसी में भारत से मुकाबला करने वाली न्यूजीलैंड की टीम ने अब तक एजिस बाउल में कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। उसने हालांकि इस मैदान पर तीन एकदिवसीय मैच खेले हैं जिनमें से उसे दो में जीत मिली जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। भारतीय टीम के सकारात्मक बात यह है कि उसे यहां खेले पांच एकदिवसीय में से तीन में जीत मिली थी। इस स्टेडियम में भारत ने जुलाई 2014 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहला टेस्ट मैच खेला था। इस टेस्ट में भारतीय टीम को 266 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। भारत ने इस मैदान पर दूसरा टेस्ट मैच 2018 के इंग्लैंड दौरे में खेला था। तब कोहली टीम के कप्तान थे पर उन्हें भी इस मैच में हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम यह मैच 60 रन से हारी थी। इस मैदार पर स्पिनरों का सहायता मिलती रही है। ऐसे में भारतीय टीम को अनुभवी आर अश्विन, रविन्द्र जडेजा और अक्षर पटेल के टीम में होने का लाभ मिल सकता है।