कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस अपनी मुख्य चुनावी थीम न्याय को जनता के बीच ठीक से नहीं रख पाई। अगर न्याय योजना को ठीक तरह से जनता के बीच ले जाया गया होता तो नतीजे दूसरे होते। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें लोकसभा में नेता पद की पेशकश करती है, तो वह इस दायित्व को निभाने के लिए तैयार हैं। तिरुवनंतपुरम से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए थरूर ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा अगर मुझे पेशकश की गई, तो मैं लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता पद संभालने को तैयार हूं।
उन्होंने स्वीकार किया कि कांग्रेस अपनी मुख्य चुनावी थीम 'न्याय' को मतदाताओं के सामने ठीक से नहीं रख पाई। उन्होंने कहा न्याय की बात अगर जनता तक ठीक से पहुंचाई जाती तो नतीजे दूसरे होते। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के 'नरम हिंदुत्व' की भी ओलोचना की। उन्होंने कहा कि यही कुछ वजहें हैं, जिनकी वजह से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बने रहना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा पार्टी उनकी सहायता के लिए क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर विचार कर सकती है। थरूर 2009 से तिरुवनंतपुरम संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2014 में उन्होंने भाजपा के ओ. राजगोपाल के विरुद्ध मात्र 15,000 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। पिछली बार कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटें मिली थीं, तो वहीं इस बार 52 हो गई हैं।
लोकसभा में नेता विपक्ष पद हासिल करने के लिए मुख्य विपक्षी दल को कम से कम दस फीसदी सीटें जीतना जरूरी होता है। जरूरी संख्या पूरी नहीं होने की वजह से कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष पद पाने की अधिकारी नहीं है। पिछली बार भी कांग्रेस को यह पद नहीं मिला था, लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बने थे। इस बार वह चुनाव हार गए हैं। इस लिए उनके विकल्प की बात की जा रही है।
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न्याय योजना को जनता के सामने ठीक से नहीं रख पाई कांग्रेस : थरूर