अमृतसर । पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले अंदरुनी कलह को खत्म करने की कोशिशों के तहत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति से मुलाकात की। कैप्टन ने समिति के सामने विस्तार से अपना पक्ष रखा है। इसके साथ ही समिति की संवाद करने की कवायद पूरी हो गई है। तीन सदस्य समिति इस सप्ताह के अंत तक अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू को उपमुख्यमंत्री या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की मांग को खारिज कर दिया है। कैप्टन की दलील है कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी सिख को देने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा। क्योंकि, मुख्यमंत्री के तौर पर वह खुद सिख है। इसलिए, किसी हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेता को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहिए। कैप्टन सिर्फ सिद्धू को सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाने के हक में भी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धू के साथ एक और नेता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हो सकते हैं। ऐसे में सिद्धू के साथ किसी दलित नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके साथ सिद्धू को मनाने के लिए पार्टी चुनाव संबंधित किसी अहम समिति की जिम्मेदारी सौंप सकती है। क्योकि, पंजाब विधानसभा चुनाव बहुत ज्यादा दूर नहीं रहे हैं। किसान आंदोलन और भाजपा व अकाली दल का गठबंधन टूटने से पार्टी को जीत की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि कैप्टन ने समिति के सामने पंजाब सरकार का कड़ा बचाव किया है। सिद्धू और दूसरे नेताओं के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बरगारी बेअदबी मामलें पर विशेष जांच दल अपना काम कर रहा है। मामले की जांच जारी है। ऐसे में कानून अपना काम करेगा। मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले समिति ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अब तक हुई चर्चा के बारे में जानकारी दी। समिति में मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल शामिल हैं।
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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने समिति के समक्ष रखा अपना पक्ष