
नई दिल्ली । श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच विवाद गहराता जा रहा है। श्रीलंका के 38 क्रिकेटरों ने टूर कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने से मना करा दिया है। खिलाड़ियों के कदम के बाद श्रीलंका टीम के इंग्लैंड दौरे पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
श्रीलंका टीम को 9 जून को इंग्लैंड के लिए रवाना होना है। दोनों टीमों के बीच तीन टी-20 और इतने ही वनडे मैच खेले जाने हैं। 38 खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया है, एसएलसी द्वारा तय रेटिंग सिस्टम में पारदर्शिता में दिक्कतों को देखकर खिलाड़ियों ने ट्रेवल कांट्रेक्ट पर साइन नहीं करने का फैसला किया है।
बयान में कहा गया कि बोर्ड जब तक खिलाड़ियों के साथ न्यायोचित व्यवहार नहीं करता तब तक खिलाड़ी करार पर साइन नहीं करने वाले हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि इस करार में पारदर्शिता की कमी के कारण सीनियर खिलाड़ियों के न्याय नहीं हो रहा है। बोर्ड के नए सिस्टम के तहत खिलाडियों को चार अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। इसमें पिछले दो साल में उनकी फिटनेस के स्तर, अनुशासन, लीडरशिप, टीम के प्रति योगदान, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे। श्रीलंकाई क्रिकेटरों की मांग है कि उन्हें ये बताया जाए कि ग्रेड के आधार पर किस तरह उन्हें अंक दिए जाएंगे।वहां इस कारण क्योंकि इससे उनकी कमाई पर सीधा और गहरा असर पड़ेगा। एक ओर जहां श्रीलंका के खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच तनाव चल रहा है, वहीं जुलाई में उस टीम इंडिया का भी सामना करना है। बीसीसीआई के प्लान के मुताबिक, टीम इंडिया श्रीलंका में सीमित ओवरों की सीरीज खेलेगी। श्रीलंका दौरे पर 3 टी20 अंतरराष्ट्रीय और तीन वनडे मैचों की सीरीज हो सकती है।
इसके पहले श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और क्रिकेट समिति के अध्यक्ष अरविंद डिसिल्वा ने नए अनुबंध का विरोध करने वाले खिलाड़ियों पर निशाना साधकर कहा कि खिलाड़ी नए अनुबंधों का विरोध करने की बजाय प्रदर्शन करने पर जोर दें।