शिमला । हिमाचल प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को दिए जाने वाले रिफाइंड तेल की सप्लाई में बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए दिए जाने 12 लीटर रिफाइंड तेल में से केवल 11 लीटर ही दिया जा रहा है। मगर, कागजों में 12 लीटर बताया जा रहा है। शिमला जिले के जुब्बल क्षेत्र की शिल्ली पंचायत की चमारू आंगनबाड़ी केंद्र का एक वीडियो वारयल हो रहा है, जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता निशा सील बंद पेटी को खोलती हुई नजर आ रही हैं।
निशा कहती हैं कि पेटी के बाहर 12 लीटर लिखा है, पेटी के अंदर जब एक-एक लीटर के पाउच खोले गए तो ये केवल 11 ही मिले। ग्राम पंचायत के प्रधान गीता राम भी वीडियो में नजर आ रहे हैं। उन्होने भी कहा है कि बड़ा गड़बड़ झाला है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पंचायत प्रधान और एक स्थानीय निवासी सुनीता की मौजूदगी में ये वीडियो बनाया है। इन्होंने इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में आया है। आंगनबाड़ी केंद्रों को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से राशन की आपूर्ति होती है। इस मुद्दे पर माकपा के जिला सचिव संजय चौहान ने बया जारी कर कहा है कि इस कोविड 19 संकट में आंगनवाड़ी के माध्यम से बच्चों के भोजन में भी खुली लूट और भ्र्ष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टीसरकार से मांग करती है कि जो भी इस प्रकार की लूट और भ्र्ष्टाचार में सम्मिलित है व इसके लिए दोषी है। उसके खिलाफ तुरन्त कार्यवाही की जाए और जहाँ भी इस प्रकार की कम आपूर्ति की पेटियां भेजी गई है वहां पर सरकार तुरन्त इस कमी को पूरा करे ताकि बच्चों को उनके हिस्से का राशन उपलब्ध करवाया जा सके। चौहान ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि जब इस प्रकार की कम आपूर्ति कंपनियों के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में की जाती है तो इसके लिए दोषी आंगनबाड़ी सुपरवाइजर या कार्यकर्ता को ठहराया जाता है जबकि हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है।
रीजनल नार्थ
आंगनबाड़ी केंद्र को दिए जाने वाले रिफाइंड तेल में घोटाला, 12 की जगह 11 लीटर पहुंचा