मुम्बई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर शिवसेना ने कहा है कि सत्ता में साथ नहीं होने का यह मतलब नहीं है कि रिश्ते टूट गए। व्यक्तिगत रिश्ते सत्ता से अलग होते हैं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे लेख में कहा है कि सत्ता में एक साथ नहीं हैं, इसका मतलब रिश्ता टूट गया ऐसा नहीं होता है। ये रिश्ता कैसा है, इसका पूरा अध्ययन महाराष्ट्र के भाजपाई नेता आगे करते रहे हैं। राजनीतिक मतभेद होने का मतलब व्यक्तिगत रिश्ते कमजोर हो गए, ऐसा नहीं होता है। व्यक्तिगत रिश्ते-नाते सत्ता से कहीं अलग और ऊपर होते हैं। शिवसेना ने हमेशा इन रिश्तों को संभाला है।
लेख में कहा है कि नरेंद्र मोदी-उद्धव ठाकरे की मुलाकात जिस तरह से राज्य शिष्टाचार का हिस्सा थी, उसी तरह व्यक्तिगत रिश्तों की भी थी। इसलिए इस मुलाकात पर आगे लंबे समय तक चर्चा की धूल उड़ती रहेगी। मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा राजनीति के लिए नहीं था, जिन्हें इस मुलाकात में राजनीति दिखती है, वे धन्य होंगे। प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की मुलाकात से केंद्र से जुड़ीं महाराष्ट्र की समस्याएं हल करने की कोशिश थी।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा,'' मुझे नहीं पता कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच अलग से कोई मुलाकात हुई है। यदि हम मान भी लेते हैं कि इस तरह की कोई बैठक हुई भी है, तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है।'' फडणवीस ने कहा कि जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, तो प्रधानमंत्री उनके साथ अलग से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते थे। उन्होंने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री से एक शिष्टमंडल के साथ मिलता था तो वह उनके साथ पांच से दस मिनट तक बात करते थे। बाद में प्रधानमंत्री राज्य से संबंधित मुद्दों पर मेरे साथ अलग से 15 से 20 मिनट तक चर्चा करते थे।
पीएम नरेंद्र मोदी से रिश्तों और मुलाकात को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में कहा कि मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था। इसलिए यदि मैं उनसे व्यक्तिगत मुलाकात करता हूं तो इसमें गलत क्या है।
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व्यक्तिगत रिश्ते सत्ता से अलग होते हैं - उद्धव ठाकरे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर शिवसेना ने कहा