नोएडा । अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। भगवा पार्टी ने ना सिर्फ कांग्रेस को झटका दिया है, बल्कि यह टीम राहुल के लिए गहरा आघात है। बीजेपी ने इससे पहले कभी कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में लाकर ना सिर्फ टीम राहुल को तोड़ा, बल्कि मध्य प्रदेश की सत्ता भी झोली में आ गिरी। वजह है सिंधिया अपने साथ विधायकों की फौज लेकर पहुंचे, जिसकी मदद से कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान ने फिर से सीएम पद की शपथ ली। कांग्रेस के प्रवक्ता और उनके संमर्थक भले ही इससे कोई नुकसान नहीं होने की बात कह रहे हों, लेकिन पार्टी के कई नेता मुखर होकर इसे बड़ा झटका बता रहे हैं। जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि यह पार्टी के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि कहा कि उनकी पार्टी को राज्यों में जीत हासिल करने के लिए जन नेताओं की पहचान कर उन्हें मजबूती प्रदान करनी चाहिए। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिश्नोई ने ट्वीट किया, ''पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब जितिन प्रसाद। कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि हम उन नेताओं को खो रहे हैं जिन्होंने पार्टी को को काफी कुछ दिया और आगे भी दे सकते थे।'' हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ''इससे मैं सहमत हूं कि उन्हें कांग्रेस को, खासकर इस मुश्किल समय में नहीं छोड़ना चाहिए था। परंतु कांग्रेस को जन नेताओं की पहचान करके उन्हें मजबूत करना चाहिए ताकि राज्यों में फिर से जीत हासिल की जा सके। बीते कुछ समय से राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में खेमेबाजी साफ तौर पर देखी जा सकती है। एक खेमा है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तो दूसरा युवा नेता सचिन पायलट का। कोरोना काल से पहले सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बागी तेवर दिखा दिया था। हालांकि कहा जाता है कि प्रियंका गांधी उन्हें मनाने में सफल रहीं। लेकिन हाल के दिनों में सचिन पायलट का फिर एक बयान मीडिया में आया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने अपना आधा कार्यकाल पूरा कर लिया है, लेकिन उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे, वे अभी भी वहीं हैं। आज जब जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा तो ट्विटर पर सचिन पायलट को लेकर कयासबाजी तेज होने लगी है। एक यूजर ने लिखा, पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, अब जितिन प्रसाद, अगला नंबर क्या सचिन पायलट का है? कांग्रेस पार्टी इससे पहले कई वरिष्ठ नेताओं की बेरुखी का सामना कर रही है। 'जी-23' के नेता लगातार कई मुद्दों पर पार्टी को आइना दिखाते रहते हैं। इस बीच युवा नेताओं का साथ छोड़ना पार्टी के लिए जरूर गहरा आघात है। यूपी चुनाव में जितिन प्रसाद बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद साबित होंगे यह तो भविष्य की बात है, लेकिन फिलहाल कांग्रेस और खासकर टीम राहुल के लिए यह बड़ा और गहरा आघात है।