नई दिल्ली । बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान ऋण और जमा वृद्धि के लिहाज से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। बीओएम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में उसने सकल अग्रिम में 13.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, और इसके तहत राशि 1.07 लाख करोड़ रुपए रही। इसके बाद पंजाब एंड सिंध बैंक का स्थान रहा, जिसने मार्च 2021 में खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान 67,811 करोड़ रुपए के कुल ऋण के साथ 8.39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। जमा राशि जुटाने के लिहाज से बीओएम लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक से भी आगे रहा, जिसने 13.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। हालांकि, कुल मिलाकर एसबीआई का जमा आधार बीओएम के 1.74 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 36.81 लाख करोड़ रुपए या 21 गुना अधिक है। इसी प्रकार चालू खाता बचत खाता में बीओएम ने 24.47 प्रतिशत वृद्धि हासिल की जो कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सर्वाधिक रही। यह बैंक की कुल देनदारी का 54 प्रतिशत रहा। वर्ष के दौरान बीओएम का कुल कारोबार 14.98 प्रतिशत बढ़कर 2.81 लाख करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2020- 21 में बैंक आफ महाराष्ट्र का एकल शुद्ध लाभ 42 प्रतिशत बढ़कर 550.25 करोड़ रुपए रहा जो कि इससे पिछले वित्त वर्ष में 388.58 करोड़ रुपए रहा था। संपत्ति गुणवत्ता में भी बैंक ने अच्छी सफलता हासिल की है। मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के दौरान बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां तेजी से घटकर 7.23 प्रतिशत रह गई जो कि एक साल पहले 12.81 प्रतिशत पर थी। निवल एनपीए भी एक साल पहले के 4.77 प्रतिशत से घटकर मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में 2.48 प्रतिशत रह गया।
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ऋण, जमा वृद्धि के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नंबर वन